अस्वीकरण: इस पेज और संपूर्ण वेबसाइट के माध्यम से दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल जानकारी देना है। यह जानकारी किसी भी समस्या या रोग की चिकित्सा, रोग के निदान और चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है। सभी व्यक्ति भिन्न-भिन्न है, सभी रोग या समस्या अपने आप में भिन्न है, इसलिए सभी के लिए समाधान और परिणाम भी भिन्न-भिन्न होते हैं। इसलिए इस जानकारी का इस्तेमाल करने से पहले योग्य डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श करें और अपनी विवेक बुद्धि का योग्य उपयोग करें।
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रोग अनुसार होम्योपैथिक दवा के नाम
इस पेज पर बताई हुई दवाएं “बेसिक DRALT ट्रीटमेंट” का एक घटक है|
इस पेज पर बताई दवाओं को डीटोक्स होम्योपैथिक मेडिसिन और HP डाइट के साथ लेने से ही अपेक्षित लाभ होगा|
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अगर आपके रोग का नाम नीचे के लिस्ट में नहीं है तो “शरीर के अवयव अनुसार होम्योपेथी दवा का नाम” यह लिस्ट देखे|
Abscess (फोड़ा)
- पाइरोजेन 200 : यदि खून खराब होने के कारण बार-बार फोड़ा हो जाता हो तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- बेलाडोना 30 : फोड़े में मवाद न तैयार हुआ हो और अधिक दर्द, बुखार, सामान्य-सूजन, लाली तथा फोड़े की जगह गरम होने जैसे के लक्षण होने पर इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
- एपिस मेल 30 : फोड़े वाले स्थान के अधिक फूल जाने तथा उसमें डंक मारने जैसा दर्द होने पर इसका प्रयोग लाभकारी होता है।
- हिपर सल्फर 30 : यदि फोड़े को फोड़ना, हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए । यह दवा चीरा लगाने जैसा काम करती है।
- साइलीशिया 30 : मवाद निकलने के बाद भी यदि फोड़े को ठीक होने में बिलम्ब हो रहा हो तो यह दवा लेने से लाभ होता है। मल-द्वार पर फोड़ा हो तो भी इसका प्रयोग करना चाहिए ।
- साइलीशिया 200 : यदि पुराने फोड़े से बहुत दिनों तक मवाद निकलता रहे, तो यहाँ दवा ले।
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Acne / Pimples (मुंहासे)
साइलीशिया (Silicea) 30CH: सभी प्रकार के मुंहासों के इलाज के लिए यह एक लाभकारी मेडिसिन है। क हिने के बाद काले दाग रह जाते हो तो यह दवा लेने से लाभ होता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए। यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
पाइरोजेन (Pyrogen) 200CH: यदि खून खराब होने के कारण बार-बार मुंहासे हो जाते हो तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
बेलाडोना (Belladona) 30CH: मुंहासो में मवाद न तैयार हुआ हो और अधिक दर्द, बुखार, सामान्य-सूजन, लाली तथा फोड़े की जगह गरम होने जैसे के लक्षण होने पर इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: मुंहासो वाले स्थान के अधिक फूल जाने तथा उसमें डंक मारने जैसा दर्द होने पर इसका प्रयोग लाभकारी होता है।
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AIDS / HIV
(एड्स / एच.आई.व्ही.)
अल्फाल्फा (Alfalfa) 30CH: बार-बार बुखार आये, ठंड लगे, थकावट और शरीर में दर्द हो तो यह दवा लेना लाभदायक होगा
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album) 30CH: बार-बार जुलाब होते हो, भूख न लगती हो तो इस दवा का प्रयोग करना उपचार में बहुत प्रभावी हो सकता है
ओसिमम सेंकटम (Ocimum sanctum) 30CH: यह दवा प्रतिकार शक्ति को बढ़ाने के लिए बहुत ही लाभकारी है| जिनको सर्दी या खांसी बहुत ही जल्दी हो जाती है उन्हके लिए भी यह दवा उपयोगी है
एलीयम सेपा (Allium cepa) 30CH: अगर मरीज की आखों में बार-बार इन्फेक्शन होता है, कान में से पतला पानी बहता है या कान बंद हो जाता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
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Anemia (रक्ताल्पता)
- फेरम मेटालिकम 30 : इसे एनीमिया के लिए सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवा माना जाता है।
- चाइना 30 : यह दवा उन लोगों के लिए सबसे अच्छी है, जो अत्यधिक रक्तस्राव का अनुभव करते हैं. दर्दनाक चोट, माहवारी जैसे कारणों से रक्तस्राव हो सकता है. इसमें व्यक्ति आमतौर पर थक जाता है और कभी कभी बेहोश भी हो सकता है।
- नाइट्रम मुर 200 : दुःख या अन्य मानसिक कारणों से एनीमिया होने पर यह दवा लाभकारी होगी।
- नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज कोचाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा देनी चाहिए।
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Appendicitis (अपेंडिक्स की सूजन)
- लाइकोपोडिम 200 : यदि बार-बार यह समस्या होती है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
- प्लंबम 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
- नक्स वोमिका 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को उल्टी की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
- नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
- नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
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Allergy (एलर्जी)
- रस टोक्स 200 : यदि बार-बार मौसम बदलने पर यह समस्या होती है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- एलियम सेपा 30 : यदि नाक से पतला पानी बहता है या नाक बंद हो जाता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- ब्रायोनिया अल्बा 30 : यदि नाक से सफ़ेद या पीले रंग का गाढ़ा म्यूकस निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
- साइलीशिया 30 : यदि नाक से हरे रंग का मवाद जैसा या बदबूदार कफ़ निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
- एपिस मेल 30 : अगर नाक या गले में डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
- प्लंबम 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
- नक्स वोमिका 30 :यदि तले हुए पदार्थ खाने से तुरंत ही यह समस्या हो जाती है इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
- नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Allergy (एलर्जी)
- रस टोक्स 200 : यदि बार-बार मौसम बदलने पर यह समस्या होती है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- एलियम सेपा 30 : यदि नाक से पतला पानी बहता है या नाक बंद हो जाता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- ब्रायोनिया अल्बा 30 : यदि नाक से सफ़ेद या पीले रंग का गाढ़ा म्यूकस निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
- साइलीशिया 30 : यदि नाक से हरे रंग का मवाद जैसा या बदबूदार कफ़ निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
- एपिस मेल 30 : अगर नाक या गले में डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
- प्लंबम 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
- नक्स वोमिका 30 :यदि तले हुए पदार्थ खाने से तुरंत ही यह समस्या हो जाती है इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
- नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
- नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Arthritis /Rheumatism (संधिवात/ गठिया/ आमवात / जोड़ों की सूजन)
अर्नीका मोंटाना 30 : जब जोड़ो में लगातार दर्द महसूस होता हो और छूने से यह दर्द बढ़ता हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए।अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।ब्रायनिया अल्बा 30: अगर इस रोग के लक्षण ठंड के मौसम में बढ़ते हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए। कल्केरा फ्लोरिका 30 : जब गर्म सिकाई करने से दर्द और सुजन पर में राहत महसूस हो तो इस दवा का उपयोग करना लाभकारी होगा। कल्केरा फ्लोरिका 200 : अगर चोट लगने के बाद गठिया विकसित हुआ हो तो यह दवा लेनी चाहिए। काली कार्बनिकम 30 : यदि जोड़ सुबह का समय दर्द के साथ बेहद कठोर होते हो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए। पलसटिला 30 : यह दवा उन मरीजो में लाभकारी होती है जिनके दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है और दर्द गर्म के मौसम में बढ़ता है और ठंड में कम होता है। एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है । प्लंबम 200 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए। नक्स वोमिका 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को उल्टी की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए। नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
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Asthma (दमा)
इपिकेक 30 : बच्चो को अगर अस्थमा की शिकायत हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए|
अर्सेनिकम अलबम 30 : पेशंट को रात को 12 बजे के बाद रोग बढ़ता है, बहुत ज्यादा बेचैनी होने लगती है, दम घुटता है रोगी लेट नहीं पाता है. सीने में जलन भी हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए|
स्पोंजिया टोस्ता 30 : वाहनों के धुएं, धूल आदि के कारण या मौसम के बदलने से अस्थमा की तकलीफ होती है या बढती है तो इस दवा का प्रयोग करना लाभकारी होगा।
कार्बो वेग 30 : अस्थमा के रोगी को एसिडिटी, गैस, डकारे आना या कब्ज रहेना जैसी पाचनतंत्र संबंधित समस्या भी हो तो यह दवा का प्रयोग करना चाहिए। 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले अस्थमा के रोगियों के लिए भी यह दवा लाभकारी है|
ब्लाता ओरिंतालिस 30 : अगर ऊपर बताये हुई किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के अस्थमा रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Breast cancer (स्तन कैंसर)
कार्सिनोसिनम 200 : अगर कैंसर में बहुत दर्द होता हो और गाँठ बहुत हार्ड हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
पलसटिला 30 : यह दवा उन मरीजो में लाभकारी होती है जिनके दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है और दर्द गर्म के मौसम में बढ़ता है और ठंड में कम होता है।
एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
फायटोलेका डीकेन्डरा 200 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Bronchitis (ब्रोंकाइटिस)
आर्सेनिक एल्बम 30: अगर इस रोग में घरघराहट के साथ, रात के समय खांसी ज्यादा आती हो और साथ में अत्यधिक कमजोरी, घरघराहट और बेचैनी भी होती हो तो यह दवा इलाज के लिए सर्वोत्तम है।
ब्रायोनिया 30 : रोगी को सूखा खाँसी आती हो और किसी भी गर्म स्थान में प्रवेश करने पर खाँसी बढ़ जाती है तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
पल्सेटिला 200 : अगर मरीज को लेटना मुश्किल हो जाता हो क्योंकि लेटने से खाँसी बढ़ती हो और बैठने से थोड़ी राहत मिलती हो तो यह दवा इस्तेमाल करना लाभदायक होगा।
ब्लाता ओरिंतालिस 30 : अगर ऊपर बताये हुई किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए|
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
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Cancer (कैंसर)
- कार्सिनोसिनम 200 : अगर कैंसर में बहुत दर्द होता हो और गाँठ बहुत हार्ड हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
- पलसटिला 30 : यह दवा उन मरीजो में लाभकारी होती है जिनके दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है और दर्द गर्म के मौसम में बढ़ता है और ठंड में कम होता है।
- एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
- फायटोलेका डीकेन्डरा 200 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
- नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Cerebral palsy
(मस्तिष्क पक्षाघात)
हाइपेराइकियम परफोरेटम (Hypericum Perforatum) 30 CH: इस रोग के साथ हाथ या पाव में कंपन भी होती है तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
प्लंबम मेट (Plumbum Metallicum) 30CH: शरीर का दायां भाग यानि राईट साइड अगर रोग से प्रभावित हुआ है तो इस दवा का इस्तेमाल करना लाभकारी होगा।
स्टेनम मेट (Stannum Metallicum) 30 CH: शरीर का बायां भाग यानि लेफ्ट साइड अगर रोग से प्रभावित हुआ है तो इस दवा का इस्तेमाल करना लाभकारी होगा।
कोस्टीकम (Causticum) 30 CH: शरीर के नीच के भागों में रोग के लक्षण है तो इस दवा का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
Cold / Recurrent Chronic Cold
(बार बार होनेवाली पुरानी सर्दी)
रस टोक्स (Rhus tox) 200CH: यदि बार-बार मौसम बदलने पर यह समस्या होती है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
एलियम सेपा (Allium cepa) 30CH: यदि नाक से पतला पानी बहता है या नाक बंद हो जाता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
ब्रायोनिया अल्बा (Bryonia alba) 30CH: यदि नाक से सफ़ेद या पीले रंग का गाढ़ा म्यूकस निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
साइलीशिया (silicea) 30CH: यदि नाक से हरे रंग का मवाद जैसा या बदबूदार कफ़ निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: अगर नाक या गले में डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
प्लंबम मेट (Plumbum Metallicum) 30CH: इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: यदि तले हुए पदार्थ खाने से तुरंत ही यह समस्या हो जाती है इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
नाइट्रिक-एसिड (Nitric acid) 30CH: अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Cough / Recurrent Chronic Cough
(बार बार होनेवाली पुरानी खांसी)
इपिकेक (Ipecac) 30CH: बच्चो को अगर यह समस्या हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए|
अर्सेनिकम अलबम (Arsenicum album) 30CH: पेशंट को रात को 12 बजे के बाद रोग बढ़ता है, बहुत ज्यादा बेचैनी होने लगती है, दम घुटता है, रोगी लेट नहीं पाता है, सीने में जलन भी होती है तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए|
स्पोंजिया टोस्ता (Spongia tosta) 30CH: वाहनों के धुएं, धूल आदि के कारण या मौसम के बदलने से यह तकलीफ होती है या बढती है तो इस दवा का प्रयोग करना लाभकारी होगा।
कार्बो वेग (Carbo veg) 30CH: इस रोग के साथ एसिडिटी, गैस, डकारे आना या कब्ज रहेना जैसी पाचनतंत्र संबंधित समस्या भी हो तो यह दवा का प्रयोग करना चाहिए।
50 वर्ष से अधिक उम्र वाले रोगियों के लिए भी यह दवा लाभकारी है|
ब्लाता ओरिंतालिस (Blatta orientalis) 30CH: अगर ऊपर बताये हुई किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए|
यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
Colitis (कोलाइटिस)
अर्जेंटीम नाइट्रिकम (Argentum nitricum) 30CH: रोगी को श्लेष्म (mucus), रक्त और अत्यधिक गैस के साथ दस्त होते हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album) 30CH: इसका उपयोग तब किया जाता है जब मल में बहुत ही खराब गंध आती है। जिनको रात में पेट में जलन और दर्द होता है उनके लिए भी यह दवा लाभकारी है।
मर्क्यूरियस कौरोसाइवस (Mercurius corrosivus) 30CH: रोगी को मल के साथ खून भी जाता हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
फॉस्फोरस (Phosphorus) 30CH: जिन्हें बलगम के साथ लेकिन बिना रक्त के और दर्द रहित दस्त होते है उनके लिए यह दवा लाभकारी है।
Convulsion (ऐंठन)
सिक्यूटा विरोसा (Cicuta virosa) 30CH: मिर्गी के इलाज में यह एक प्रभावी औषधि है। अगर दौरा आते समय रोगी के चेहरा नीला हो जाये और जबड़े लॉक हो जाये तो यह दवा लाभदायक होती है
इस दवा का उपयोग सिर में चोट लगने की वजह से होने वाले मिर्गी में भी होता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
स्ट्रैमोनियम (Stramonium) 30CH: इस रोग के लक्षण अगर अधिक रोशनी या चमकदार वस्तुओं के संपर्क आने से शुरू हो या बढ़ते हो तो यह दवा उपयोगी हो सकती है।
इसमें रोगी पुर्णतः बेहोश नहीं होता है लेकिन ऊपरी शरीर की मांसपेशियों में झटके का अनुभव करता है।
कुप्रम मेट (cuprum met) 30CH: ऐंठन उंगलियों और पैर की अंगुली में शुरू होते हैं और धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों में फैलते हैं और मांसपेशियों को झटके देते हैं. इसका उपयोग मासिक धर्म के साथ होने वाले आवेगों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है और बच्चे के डिलीवरी का पालन किया जा सकता है।
बुफो राना (Bufo Rana) 30CH: यह जरुरी नहीं है की जब आप जाग रहे हो तभी दौरा का अटैक आता है। अगर मरीज को नींद में दौरा (अटैक) होता हो तो यह दवा लेना लाभकारी है। इस तरह के दौरे के साथ जननांग क्षेत्रों में एक आभा का अनुभव भी हो सकता हैं। यह उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से सहायक है जो मासिक धर्म के दौरान दौरे का अनुभव करते हैं।
हायोसियामस (Hyoscyamus) 30CH: कुछ लोगो को दौरा (अटैक) गहरी नींद के बाद आता है। इस तरह के दौरे के लिए यह दवा लाभदायक होती है।
Diabetes (मधुमेह)
सीजीजियम जम्बोलिनम (Syzygium jambolanum) 30CH: अगर डायबिटीज के रोगी का वजन बड रहा हो और थोडा अधिक चलने से सांसे फूलती हो तो यह दवा उपयोगी हैं।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो भी इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
एसिड फॉस (Acid phos) 30CH: अगर नीचे बताये लक्षण हो तो यह दवा लेना लाभकारी होता है:
- रोगी को पेशाब बहुत अधिक मात्रा में आता हैं।
- पेशाब में शर्करा की मात्रा बहुत होती है।
- रोगी कमजोरी महसूस करता हैं।
- हाथ-पैरों में दर्द रहता है।
- पेशाब दूधिया रंग का होता है।
- मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर रहता है।
अर्सेनिकम अलबम (Arsenicum album) 30CH: अगर डायबिटीज के रोग में मुँह सूखा रहे, बार बार प्यास लगे, रोगी को मरने का डर लगे, पूरे शरीर में खुजली हो, तो यह दवा उपयोगी हैं।
यूरेनियम नाइट्रेड (Uranum nitrate) 30CH: मुँह और त्वचा में सूखापन हो, अत्याधिक भूख और प्यास लगती हो और पेशाब बहुत अधिक होता हो तो यह दवा लेना लाभकारी होता है। कुपोषण के कारण होने वाली डायबीटीज़ होने पर यह दवा उपयोगी हैं।
प्लम्बम मेट (Plumbum met) 30CH: तेजी से वजन कम हो, कमजोरी लगे, याददाश्त कमजोर हो जाए, पैर सुन्न हो, कब्ज, लगातार उल्टियां होती हैं तो यह दवा का प्रयोग करना लाभदायक होगा।
Dysentery (पेचिश)
अर्जेंटीम नाइट्रिकम (Argentum nitricum) 30CH: रोगी को श्लेष्म (mucus), रक्त और अत्यधिक गैस के साथ दस्त होते हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album) 30CH: इसका उपयोग तब किया जाता है जब मल में बहुत ही खराब गंध आती है। जिनको रात में पेट में जलन और दर्द होता है उनके लिए भी यह दवा लाभकारी है।
मर्क्यूरियस कौरोसाइवस (Mercurius corrosivus) 30CH: रोगी को मल के साथ खून भी जाता हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
फॉस्फोरस (Phosphorus) 30CH: जिन्हें बलगम के साथ लेकिन बिना रक्त के और दर्द रहित दस्त होते है उनके लिए यह दवा लाभकारी है।
Ear problems / infection / pain
(कान की समस्याएं दर्द / संक्रमण)
रस टोक्स (Rhus tox) 200CH: यदि बार-बार मौसम बदलने पर यह समस्या होती है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
इपिकेक (Ipecac) 30CH: बच्चो को अगर यह समस्या हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए|
एलियम सेपा (Allium cepa) 30CH: यदि कान में से पतला पानी बहता है या कान बंद हो जाता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
साइलीशिया (silicea) 30CH: यदि कान से पीले रंग का या हरे रंग का मवाद जैसा या बदबूदार बहाव होता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: अगर कान या गले में डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
प्लंबम मेट (Plumbum Metallicum) 30CH: इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: यदि तले हुए पदार्थ खाने से तुरंत ही यह समस्या हो जाती है इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Eczema (खुजली)
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है। अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द या जलन महसूस हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 30CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो, फोड़े- फुंसी से चिपचिपा बहाव निकलता हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
सल्फर (Sulphur) 30CH: इस रोग के मरीज को मीठा खाने की ज्यादा इच्छा होती हो और रोग के स्थान पर तेज जलन महसूस हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 30CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं। ऐसे मामलों में मोटी चमड़े की परतें सिर को ढक सकती हैं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Epilepsy (मिर्गी)
सिक्यूटा विरोसा (Cicuta virosa) 30CH: मिर्गी के इलाज में यह एक प्रभावी औषधि है। अगर दौरा आते समय रोगी के चेहरा नीला हो जाये और जबड़े लॉक हो जाये तो यह दवा लाभदायक होती है
इस दवा का उपयोग सिर में चोट लगने की वजह से होने वाले मिर्गी में भी होता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
स्ट्रैमोनियम (Stramonium) 30CH: इस रोग के लक्षण अगर अधिक रोशनी या चमकदार वस्तुओं के संपर्क आने से शुरू हो या बढ़ते हो तो यह दवा उपयोगी हो सकती है।
इसमें रोगी पुर्णतः बेहोश नहीं होता है लेकिन ऊपरी शरीर की मांसपेशियों में झटके का अनुभव करता है।
कुप्रम मेट (cuprum met) 30CH: ऐंठन उंगलियों और पैर की अंगुली में शुरू होते हैं और धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों में फैलते हैं और मांसपेशियों को झटके देते हैं. इसका उपयोग मासिक धर्म के साथ होने वाले आवेगों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है और बच्चे के डिलीवरी का पालन किया जा सकता है।
बुफो राना (Bufo Rana) 30CH: यह जरुरी नहीं है की जब आप जाग रहे हो तभी दौरा का अटैक आता है। अगर मरीज को नींद में दौरा (अटैक) होता हो तो यह दवा लेना लाभकारी है। इस तरह के दौरे के साथ जननांग क्षेत्रों में एक आभा का अनुभव भी हो सकता हैं। यह उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से सहायक है जो मासिक धर्म के दौरान दौरे का अनुभव करते हैं।
हायोसियामस (Hyoscyamus) 30CH: कुछ लोगो को दौरा (अटैक) गहरी नींद के बाद आता है। इस तरह के दौरे के लिए यह दवा लाभदायक होती है।
Erectile dysfunction (इरेक्टाइल डिसफंक्शन)
एग्नस केस्टस (Agnus castus) 30CH: पुरुषो में लिंग के सीधा और कड़क होने में पुर्णतः या अंशतः अक्षमता होती है और संभोग के बाद कमजोरी महसूस होती है तो यह दवा प्रयोग करनी चाहियें। शीघ्रपतन और स्वप्नदोष की तकलीफ में भी यह दवा लाभकारी है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
कैलेडियम (Caladium) 30CH: लिंग के कड़क होने में अंशतः अक्षमता होती है और संभोग की इच्छा भी कम हो गई है तो यह दवा लेना लाभकारी होगा।
लाइकोपोडियम (Lycopodium) 200 CH: बुजुर्ग (50 वर्ष से बड़ी आयु के) पुरुषो में यह समस्या होने पर इस दवा को इस्तेमाल करना चाहिए।
ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris) 30 CH: अगर इस रोग के साथ पिशाब करने में भी परेशनी होती है तो यह दवा का उपयोग करन लाभदायक होगा।
नुफर ल्यूटियम (Nuphar Luteum) 200 CH: तह दवा उन सभी पुरुषों के लिए फायदेमंद होगी जिन्हमें संभोग के लिए आत्मविश्वास की कमी है और सभोग करने के लिए अत्यधिक भयभीत भी है।
Gallbladder stones & swelling
(पित्ताशय की पथरी और सुजन)
लाइकोपोडियम (Lycopodium) 200 CH: यह पित्ताशय की पथरी और सुजन के लिए सर्वोत्तम औषधि है। इस दवा के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है:
- पेट के उपरी और दाहिने हिस्से में दर्द होना। यह दर्द तेलयुक्त पदार्थ खाने से बढ़ना।
- बार-बार मलत्याग के लिए जाने की इच्छा होना।
- पेशाब में ईंट के चूरे जैसा लाल रंग का पदार्थ निकलना।
- पेट साफ़ न होना।
अगर आप यह नही समझ पा रहे की कौन -सी होम्योपैथिक दवाई लेनी चाहिए तो Lycopodium का इस्तेमाल कीजिए।
बर्बेरिस वल्गारिस (Berberis Vulgaris) 30CH: यह किडनी और पित्ताशय की पथरी के लिए यह एक उत्तम दवा है। इस दवाई के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है:
- लीवर की जगह पर दर्द शुरू होकर पेट के निचले हिस्से या पाँव तक पहुँचना।
- हलन चलन करने से दर्द का बढ़ना। दबाव से भी दर्द बढ़ना।
- दर्द को कम करने के लिए रोगी दाहिनी ओर झुकता है।
- पिला या चमकदार लाल कणयुक्त पेशाब होना।
- बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना।
- पेशाब करने के बाद ऐसा महसूस होना, जैसे कुछ पेशाब अभी रह गया है।
चाइना (China) 200CH: इस दवाई के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है:
- पित्त की पथरी की वजह से पेट के उपरी और बीच के हिस्से में तीव्र दर्द होना। यह दर्द खाने के बाद बढ़ना।
- भूख कम लगना।
- पेट में जलन होना।
- गर्म चीजों के सेवन से यह दर्द बढ़ना।
- बैठ कर पेशाब करने में तकलीफ के साथ बूंद-बूंद करके पेशाब उतरना और खड़े होकर पेशाब करने पर आसानी से पेशाब उतरना।
नक्स वोमिका (Nux Vomica) 30CH: इस दवाई के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है –
- पित्ताशय की पथरी के पित्त-नली में अटक जाने से दर्द पैदा हना।
- अनियमित दिन्चर्या वाले, रात में जगने वाले और दिन में सोने वालों के लिए यह दवाई लाभदायक होती है।
- मलत्याग के लिए जाने की इच्छा होना लेकिन जाने पर मलत्याग न होना या बहुत ही कम होना। अर्थात ऐसा लगता तो है की मलत्याग होगा लेकिन होता नहीं है।यही बात पेशाब के साथ भी हो सकती है।
- बूंद-बूंद करके पेशाब होना।
- पेशाब में रक्त आना।
- खांसने पर भी पेशाब निकल जाना।
- भूख कम होना।
- कभी कब्ज होना तो कभी जुलाब शुरू हो जाना।
- जिन्होंने एलॉपथी (अंग्रेजी दवाइ) अधिक खाई है उन्हके लिए भी यह दवाई लाभकारी है।
Hair problems
(बालों की समस्याएं)
एसिड फ्लोरिक (Acid Fluoric) 30CH: अगर बालों के झड़ने की समस्या बहुत ही ज्यादा मात्रा में हो तो यह दवा का इस्तेमाल करना लाभकारी होगा।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
सोरायिनम (Psorinum) 30CH:आपके बालों का झड़ना डैंड्रफ़ या एक्जिमा जैसे रोगों के कारण होता है तो इस दवा का उपयोग करना लाभकारी होता है।
फेरम मेटालिकम (Ferrum metallicum) 30CH: अगर एनीमिया के कारण यह समस्या हो रही है तो इस दवा को सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवा साबित हो सकती है।
लाइकोपोडिम 200 : यदि बालों में गंजापन (alopecia) आ गया है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
पल्सेटिला (Pulsatilla) 30CH: रजोनिवृत्ति के समय या बाद में बालों के झड़ने की समस्या हो तो या दवा लेनी चाहिएं।
सेपिया (Sepia) 30CH: गर्भावस्था के समय या बाद में बालों के झड़ने की समस्या हो तो या दवा लेनी चाहिएं।
प्लंबम मेट (Plumbum Metallicum) 30CH: इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: यदि टाइफाइड, मलेरिया या पीलिया या अन्य कोई इन्फेक्शन के बाद यह यह समस्या शुरू हुई है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Height problem
(ऊंचाई की समस्याएं)
हाईटेक्स टेबलेट (Heightex Tablets): ऊंचाई बढ़ाने में यह एक लाभकारी मेडिसिन है।
दवा कैसे खानी है?
- 8 साल से कम उम्र के बच्चो के लिए: 2 गोली दिनमें 3 बार खानी है।
- 8 से 12 साल के बच्चो के लिए: 3 गोली दिनमें 3 बार खानी है।
- 12 साल से बड़े लोगो के लिए: 4 गोली दिनमें 3 बार खानी है।
इस दवा को कुछ खाने से 30 मिनट पहले या बाद में खाना है।
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होम्योपैथीक दवा खाने से पहले यह 10 बातें जानना जरुरी है! होम्योपैथिक दवा कैसे ले? क्या न खाए?
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HIV / AIDS
(एच.आई.व्ही./एड्स)
अल्फाल्फा (Alfalfa) 30CH: बार-बार बुखार आये, ठंड लगे, थकावट और शरीर में दर्द हो तो यह दवा लेना लाभदायक होगा
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album) 30CH: बार-बार जुलाब होते हो, भूख न लगती हो तो इस दवा का प्रयोग करना उपचार में बहुत प्रभावी हो सकता है
ओसिमम सेंकटम (Ocimum sanctum) 30CH: यह दवा प्रतिकार शक्ति को बढ़ाने के लिए बहुत ही लाभकारी है| जिनको सर्दी या खांसी बहुत ही जल्दी हो जाती है उन्हके लिए भी यह दवा उपयोगी है
एलीयम सेपा (Allium cepa) 30CH: अगर मरीज की आखों में बार-बार इन्फेक्शन होता है, कान में से पतला पानी बहता है या कान बंद हो जाता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Heart diseases
(हृदय रोग)
कैक्टस ग्रैंडीफ्लोरस (CACTUS GRANDIFLORUS) 30CH: हृदय में प्रतीत होना कि किसी ने लोहे के पंजे में जकड़ रखा हो, हाथ में चमक के साथ दर्द होना और नाड़ी का तेज चलना जैसे लक्षण होने पर इस दवा इस्तेमाल करना लाभकारी होता है। यह रूमैटिक कार्डडाइटिस के लिए अच्छी दवा है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के हृदय रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
डिजीटेलिस (DIGITALIS) 30CH: यह ह्रदय रोगियों के लिए एक उत्तम औषधि है। इस दवा के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है –
- नाड़ी का धीमे चलना और हृदय की मांसपेशियों की कमजोरी तनाव की स्थिति में नाड़ी का तेज होना।
- मरीज का सोचना कि अगर वह चलेगा तो उसकी हृदय की धड़कन बंद हो जाएगी।
- बांए हाथ में सूनापन और कमजोरी। नींद ठीक से न आना।
- बार-बार घबराहट होना।
जेलसेमियम (GELSEMIUM) 30CH: हाथ में दर्द के साथ कमजोरी और थकान जैसे लक्षणों के होने पर यह औषधि का प्रयोग कारगर साबित हो सकता है।
काल्मिया लैटिफोलिया (KALMIA LATIFOLIA) 30CH: हाथ में सूनापन और हृदय के आकार में बढ़ोतरी के लिए यह उपयोगी दवा है। रूमैटिज्म और सांस का फूलना, दिल की धड़कन का तेज होना जैसी समस्याओं के लिए उपयोगी दवा है।
Inferlity (बांझपन)
Male Infertility (पुरुषों में बांझपन)
नुफर ल्यूटियम (Nuphar Luteum) 200 CH: यह दवा उन सभी पुरुषों के लिए फायदेमंद होगी जिनमे शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता बहुत ही कम होती है। इससे शुक्राणु की संख्या बढ़ती है और साथ में गुणवात्त भी बेहतर होती है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
एग्नस केस्टस (Agnus castus) 30CH: अगर पुरुषों में नपुंसकता के कारण बच्चे होने में परेशानी हो रही है तो यह डरा लेनी चाहिएं। पुरुषो में लिंग के सीधा और कड़क होने में पुर्णतः अक्षमता होती है और संभोग के बाद कमजोरी महसूस होती है तो यह दवा प्रयोग करनी चाहियें।
कैलेडियम (Caladium) 30CH: इस दवा का उपयोग तब करना लाभदायक होगा जब मानसिक अवसाद (depression) की वजह से बांझपन या नपुंसकता हो रही हो।
ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris) 30 CH: अगर इस रोग के साथ पिशाब करने में भी परेशनी होती है तो यह दवा का उपयोग करन लाभदायक होगा।
जिन्हमें संभोग के लिए आत्मविश्वास की कमी है और सभोग करने के लिए अत्यधिक भयभीत भी है।
कॉनियम (Conium) 30CH : अगर पुरुषों में बांझपन होने का कारण अण्डकोष की सूजन (Orchitis) हो तो इस दवा से इलाज करना लाभकारी होता है। जिनके अण्डकोष सख्त हो गए है या जो अपने सेक्स करने की इच्छा को दबाए हुए है उनके लिए यह दवा उपयोगी है।
Female Infertility (महिलाओं में बांझपन)
नेट्रम फोस (Natrum phos) 30CH: कुछ महिलाओं की योनी में से एसिड बहाव (acidic vaginal discharge) अधिक मात्रा में होता है जो काफी तेज और गर्म भी होता है। यह बहाव शुक्राणु को खत्म करता रहता है इस कारण से अगर गर्भधारण नहीं हो रह है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
बोरेक्स (Borax) 30CH: जिन महिलाओं बांझपन समस्या के साथ योनी से गर्म और चिकनाई युक्त सफ़ेद बहाव भी होता है उनके लिए यह दवा लाभदायक है।
कल्केरा कार्ब (Calcarea carb) 30CH: जिन महिलाओं बांझपन समस्या के साथ अनियमित मासिक धर्म की सिकायत होती है उनके लिए यह दवा लाभदायक है।
फेरम मेटालिकम (Ferrum metallicum) 30CH: अगर बांझपन की समस्या के साथ एनीमिया, ल्यूकोरिया, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण भी प्रगट हो तो इस दवा का प्रयोग लाभदायक हो सकता है।
कॉनियम (Conium) 200CH : अगर महिलाओं में बांझपन होने का कारण अंडाशय या गर्भाशय की सूजन या गांठ हो तो इस दवा से इलाज करना लाभकारी होता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Irritable bowel syndrome
(इरीटेबल बाबेल सिन्ड्रोम)
फॉस्फोरस (Phosphorus) 30CH: जिन्हें बलगम के साथ लेकिन बिना रक्त के और दर्द रहित दस्त होते है उनके लिए यह दवा लाभकारी है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album) 30CH: इसका उपयोग तब किया जाता है जब मल में बहुत ही खराब गंध आती है। जिनको रात में पेट में जलन और दर्द होता है उनके लिए भी यह दवा लाभकारी है।
अर्जेंटीम नाइट्रिकम (Argentum nitricum) 30CH: रोगी को श्लेष्म (mucus), रक्त और अत्यधिक गैस के साथ दस्त होते हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
मर्क्यूरियस कौरोसाइवस (Mercurius corrosivus) 30CH: रोगी को मल के साथ खून भी जाता हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
Jaundice (पीलिया)
लायकोपोडीयम (Lycopodium) 30CH: सभी प्रकार के पीलिया के उपचार में यह दवा लाभकारी है।
Kidney stones / Renal Calculi
(किडनी की पथरी)
बर्बेरिस वल्गारिस (Berberis Vulgaris) 200 CH: किडनी की पथरियों के लिए यह एक उत्तम दवा है। इस दवाई के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है –
- किडनी की जगह पर दर्द शुरू होकर पेट के निचले हिस्से या पाँव तक पहुँचना।
- हलन चलन करने से दर्द का बढ़ना। दबाव से भी दर्द बढ़ना।
- तीव्र जलन के साथ पेशाब होना।
- बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना।
- पेशाब करने के बाद ऐसा महसूस होना, जैसे कुछ पेशाब अभी रह गया है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
कैल्केरिया कार्ब (Calcarea Carb) 30CH: यह सभी प्रकार की पथरी का दर्द दूर करने की उत्तम दवा है।
हाइड्रेस्टिस (Hydrastis) 200 CH: बाईं किडनी (left kidney) की पथरी के लिए यह बहुत ही असरदार दवा है।
लाइकोपोडियम (Lycopodium) 200 CH: दाहिनी किडनी (right kidney) की पथरी के लिए या लाभदायक औषधि है। इस दवाई के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है –
- पेशाब होने से पहले कमर में तीव्र पीड़ा होना।
- दाहिनी किडनी में दर्द होना।
- पेशाब में ईंट के चूरे जैसा लाल रंग का पदार्थ निकलना।
- किसी शीशी में पेशाब को भरकर रखने से तलवे में रेत के लाल कण जम जाना और पेशाब बिलकुल साफ रंग का रहना (ये कण लिथिक अथवा यूरिक एसिड के होते है जो पथरी का निर्माण करते हैं।)
सारसापेरिला (Sarsaparilla) 200CH: इस दवाई के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है-
- पेशाब में छोटी-छोटी पथरी निकलना।
- पेशाब में सफेद पदार्थ का निकलना होना।
- पेशाब के अंत में तीव्र दर्द होना।
- गर्म चीजों के सेवन से यह दर्द बढ़ना।
- बैठ कर पेशाब करने में तकलीफ के साथ बूंद-बूंद करके पेशाब उतरना और खड़े होकर पेशाब करने पर आसानी से पेशाब उतरना।
कैंथरिस (Cantharis) 200CH: इस दवाई के महत्वपूर्ण लक्षण कुछ इस प्रकार है-
- बूंद-बूंद करके पेशाब होना।
- पेशाब में रक्त आना।
- खांसने पर भी पेशाब निकल जाना।
Lipoma
(लिपोमा/ चर्बी की गाँठ)
कल्केरा कार्ब (Calcarea carb) 200CH: अधिक वजन वाले लोगों में लिपोमा का इलाज करने के लिए यह सबसे अच्छी दवा है।
सल्फर (Sulphur) 200CH: पतले या मध्यम वजन वाले लोगों में लिपोमा का इलाज करने के लिए यह एक उत्तम दवा है।
बेलाडोना (Belladona) 200CH: अधिकतर लिपोमा दर्द रहित होते है, लेकिन कभी-कभी इनमे दर्द भी हो सकता है. ऐसी स्थितियों में गांठ को छूने पर दर्द बढ़ जाता है. ऐसे लिपोमा के इलाज के लिए बेलाडोना एक असरकारक दवा है।
थुजा (Thuja) 200CH: यदि रोगी कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च होता है, तो लिपोमा के इलाज के लिए यह सबसे अच्छी दवा है।
Migraine
(आधासीसी)
स्पिजेलीया (Spigelia) 30CH: सभी प्रकार के बाईं तरफ होने वाले माइग्रेन के सिरदर्द के यह दवा लाभदायक है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
सेंगुनेरिया केनाड़ेंसिस (Sanguinaria canadensis) 30CH: सभी प्रकार के दाहिने तरफ होने वाले माइग्रेन के सिरदर्द के यह दवा लाभदायक है।
बेलाडोना (Belladona) 30CH: अगर माइग्रेन के साथ दिल की धडकने भी तेज होती हो और सिरदर्द सूर्य प्रकाश के संपर्क में आने से बड़ जाता हो तो इस दवा का उपयोग करना लाभकारी हो सकता है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
Neoplasm / Cancer
(रसौली / कैंसर)
- कार्सिनोसिनम 200 : अगर कैंसर में बहुत दर्द होता हो और गाँठ बहुत हार्ड हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
- पलसटिला 30 : यह दवा उन मरीजो में लाभकारी होती है जिनके दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है और दर्द गर्म के मौसम में बढ़ता है और ठंड में कम होता है।
- एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
- फायटोलेका डीकेन्डरा 200 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
- नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Obesity (मोटापा)
फायाटोलेका डेकान्द्रा (Phytolacca decandra) 30CH: अगर मोटापे के मरीज ठंडी हवा के लिए कम सहनशील हो या उन्हें चॉक खाने की इच्छा होती हो तो इस दवा का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
कल्केरा कार्ब (Calcarea carb) 30CH: जब मोटापा का अधिक प्रभाव पेट, नितंब और जांघो पर हो यानि पेट, नितंब और जांघो में अतिरिक्त चर्बी जमा हो रही हो तो इस दवा का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
नेट्रम मूर (Natrum mur) 30CH: अगर मोटापे के मरीज सूर्य की ओर अत्यधिक गर्मी के लिए कम सहनशील हो या उन्हें चॉक खाने की इच्छा होती हो तो इस दवा का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
Osteoarthritis (अस्थिसंधिशोथ)
अर्नीका मोंटाना 30 : जब जोड़ो में लगातार दर्द महसूस होता हो और छूने से यह दर्द बढ़ता हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए।
ब्रायनिया अल्बा 30 : अगर इस रोग के लक्षण ठंड के मौसम में बढ़ते हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
कैल्केरा फ्लोरिका 30 : जब गर्म सिकाई करने से दर्द और सुजन पर में राहत महसूस हो तो इस दवा का उपयोग करना लाभकारी होगा।
कैल्केरा फ्लोरिका 200 : अगर चोट लगने के बाद यह रोग विकसित हुआ हो तो यह दवा लेनी चाहिए।
ब्रायनिया अल्बा 30 : अगर इस रोग के लक्षण ठंड के मौसम में बढ़ते हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
काली कार्बनिकम 30 : यदि जोड़ सुबह का समय दर्द के साथ बेहद कठोर होते हो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
पलसटिला 30 : यह दवा उन मरीजो में लाभकारी होती है जिनके दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है और दर्द गर्म के मौसम में बढ़ता है और ठंड में कम होता है।
एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
प्लंबम 200 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नक्स वोमिका 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को उल्टी की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Paralysis (पक्षाघात)
हाइपेराइकियम परफोरेटम (Hypericum Perforatum) 30CH: स्पाइनल कॉर्ड या नसों में कमजोरी आने या कोई रोग होने पर अगर पैरालिसिस हुआ हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
इस रोग के साथ हाथ या पाव में कंपन भी होती है तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
प्लंबम मेट (Plumbum Metallicum) 200CH: शरीर का दायां भाग यानि राईट साइड अगर रोग से प्रभावित हुआ है तो इस दवा का इस्तेमाल करना लाभकारी होगा।
स्टेनम मेट (Stannum Metallicum) 200CH: शरीर का बायां भाग यानि लेफ्ट साइड अगर रोग से प्रभावित हुआ है तो इस दवा का इस्तेमाल करना लाभकारी होगा।
कोस्टीकम (Causticum) 200CH: शरीर के नीच के भागों में रोग के लक्षण है तो इस दवा का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
केडमियम सल्फ्युरेटम (Cadmium Sulphuratum) 200CH: जिन्हें चहरे का लकवा हुआ है उन्हें इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
आर्निका मोंटाना (Arnica Montana) 30CH: स्ट्रोक यानी (दिमाग की खून की नसों में ब्लॉकेज आने या फटने से) अगर पैरालिसिस हुआ हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
नेट्रम सल्फ्युरिकम (Natrium Sulphuricum) 200CH: स्पाइनल कॉर्ड में मार लगने की वजह से लकवा हुआ हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
जेल्सेमियम (Gelsemium) 30CH: अगर लकवा 2 वर्ष से अधिक पुराना हो तो ऊपर बताई हुई दवा के साथ जेल्सेमियम का इस्तेमाल भी करना चाहिए।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Piles / Hemorrhoids
(बवासीर)
हेमामेलिस (Hamamelis) 30CH: जिन्हें बवासीर में खून जाता है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें बवासीर में खून बिलकुल नहीं जाता है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है, उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
फॉस्फोरस (Phosphorus) 30CH: जिन्हें बलगम के साथ लेकिन बिना रक्त के और दर्द रहित दस्त होते है उनके लिए यह दवा लाभकारी है।
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album) 30CH: इसका उपयोग तब किया जाता है जब मल में बहुत ही खराब गंध आती है। जिनको रात में पेट में जलन और दर्द होता है उनके लिए भी यह दवा लाभकारी है।
अर्जेंटीम नाइट्रिकम (Argentum nitricum) 30CH: रोगी को श्लेष्म (mucus), रक्त और अत्यधिक गैस के साथ दस्त होते हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
मर्क्यूरियस कौरोसाइवस (Mercurius corrosivus) 30CH: रोगी को मल के साथ खून भी जाता हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
Pimples / Acne (मुंहासे)
साइलीशिया (Silicea) 30CH: सभी प्रकार के मुंहासों के इलाज के लिए यह एक लाभकारी मेडिसिन है। क हिने के बाद काले दाग रह जाते हो तो यह दवा लेने से लाभ होता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए। यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
पाइरोजेन (Pyrogen) 200CH: यदि खून खराब होने के कारण बार-बार मुंहासे हो जाते हो तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
बेलाडोना (Belladona) 30CH: मुंहासो में मवाद न तैयार हुआ हो और अधिक दर्द, बुखार, सामान्य-सूजन, लाली तथा फोड़े की जगह गरम होने जैसे के लक्षण होने पर इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: मुंहासो वाले स्थान के अधिक फूल जाने तथा उसमें डंक मारने जैसा दर्द होने पर इसका प्रयोग लाभकारी होता है।
Pneumonia
(निमोनिया / फेफड़ों की सूजन)
आर्सेनिक एल्बम 30: अगर इस रोग में घरघराहट के साथ, रात के समय खांसी ज्यादा आती हो और साथ में अत्यधिक कमजोरी, घरघराहट और बेचैनी भी होती हो तो यह दवा इलाज के लिए सर्वोत्तम है।
ब्रायोनिया 30 : रोगी को सूखा खाँसी आती हो और किसी भी गर्म स्थान में प्रवेश करने पर खाँसी बढ़ जाती है तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
पल्सेटिला 200 : अगर मरीज को लेटना मुश्किल हो जाता हो क्योंकि लेटने से खाँसी बढ़ती हो और बैठने से थोड़ी राहत मिलती हो तो यह दवा इस्तेमाल करना लाभदायक होगा।
ब्लाता ओरिंतालिस 30 : अगर ऊपर बताये हुई किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए|
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Psoriasis
(सोरियासिस)
सोरायनम (Psorinum) 200CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 200CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो, फोड़े- फुंसी से चिपचिपा बहाव निकलता हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 200CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 200CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं। ऐसे मामलों में मोटी चमड़े की परतें सिर को ढक सकती हैं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Rheumatoid Arthritis /Rheumatism
(संधिवात/ गठिया/ आमवात)
अर्नीका मोंटाना 30 : जब जोड़ो में लगातार दर्द महसूस होता हो और छूने से यह दर्द बढ़ता हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
ब्रायनिया अल्बा 30: अगर इस रोग के लक्षण ठंड के मौसम में बढ़ते हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
कल्केरा फ्लोरिका 30 : जब गर्म सिकाई करने से दर्द और सुजन पर में राहत महसूस हो तो इस दवा का उपयोग करना लाभकारी होगा।
कल्केरा फ्लोरिका 200 : अगर चोट लगने के बाद गठिया विकसित हुआ हो तो यह दवा लेनी चाहिए।
काली कार्बनिकम 30 : यदि जोड़ सुबह का समय दर्द के साथ बेहद कठोर होते हो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
पलसटिला 30 : यह दवा उन मरीजो में लाभकारी होती है जिनके दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है और दर्द गर्म के मौसम में बढ़ता है और ठंड में कम होता है।
एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
प्लंबम 200 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नक्स वोमिका 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को उल्टी की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Ringworm (दाद)
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है। अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द या जलन महसूस हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 30CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो, फोड़े- फुंसी से चिपचिपा बहाव निकलता हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
सल्फर (Sulphur) 30CH: इस रोग के मरीज को मीठा खाने की ज्यादा इच्छा होती हो और रोग के स्थान पर तेज जलन महसूस हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 30CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं। ऐसे मामलों में मोटी चमड़े की परतें सिर को ढक सकती हैं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Scabies (खाज)
सल्फर (Sulphur) 30CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द या जलन महसूस हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 30CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो, फोड़े- फुंसी से चिपचिपा बहाव निकलता हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 30CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं। ऐसे मामलों में मोटी चमड़े की परतें सिर को ढक सकती हैं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Scabies (खाज)
सल्फर (Sulphur) 30CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 30CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो, फोड़े- फुंसी से चिपचिपा बहाव निकलता हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 30CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं। ऐसे मामलों में मोटी चमड़े की परतें सिर को ढक सकती हैं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Sciatica
(तंत्रिकाशूल / साइटिका)
रस टोक्स (Rhus tox) 200CH: यदि बार-बार दर्द का दौरा आता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
ब्रायनिया अल्बा 30: अगर इस रोग के लक्षण ठंड के मौसम में बढ़ते हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
कल्केरा फ्लोरिका 30 : जब गर्म सिकाई करने से दर्द और सुजन पर में राहत महसूस हो तो इस दवा का उपयोग करना लाभकारी होगा।
काली कार्बनिकम 30 : यदि जोड़ सुबह का समय दर्द के साथ बेहद कठोर होते हो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
पलसटिला 30 : यह दवा उन मरीजो में लाभकारी होती है जिनके दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है और दर्द गर्म के मौसम में बढ़ता है और ठंड में कम होता है।
एपिस मेल 30 : अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
प्लंबम 200 : इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नक्स वोमिका 30 : इस रोग के साथ अगर मरीज को उल्टी की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
नाइट्रिक-एसिड 30 : अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Sinusitis
(साइनस की सुजन)
रस टोक्स (Rhus tox) 200CH: यदि बार-बार मौसम बदलने पर यह समस्या होती है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
एलियम सेपा (Allium cepa) 30CH: यदि नाक से पतला पानी बहता है या नाक बंद हो जाता है तो इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
ब्रायोनिया अल्बा (Bryonia alba) 30CH: यदि नाक से सफ़ेद या पीले रंग का गाढ़ा म्यूकस निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
साइलीशिया (silicea) 30CH: यदि नाक से हरे रंग का मवाद जैसा या बदबूदार कफ़ निकलता है तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी रहता है।
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: अगर नाक या गले में डंक मारने जैसा दर्द हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
प्लंबम मेट (Plumbum Metallicum) 30CH: इस रोग के साथ अगर मरीज को कब्जियत की भी तकलीफ है तो यह दवा को लेना चाहिए।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: यदि तले हुए पदार्थ खाने से तुरंत ही यह समस्या हो जाती है इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए
नाइट्रिक-एसिड (Nitric acid) 30CH: अगर मरीज को चाक या मिट्टी जैसी चीजे खाने की इच्छा होती हो तो यह दवा भी देनी चाहिए।
Thyroid problems (थाइरोइड की समस्याएं)
थायरॉइडीनम (Thyroidinum) 200CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है। अगर रोगी के शरीर में रक्त की कमी रहती हो, अधिक थकावट महसूस होती हो और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता हो तो यह दवा का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
कल्केरिया-कार्ब (Calcarea-Carb) 200CH: अगर रोगी को पसीना बहुत आता है, रोगी दिखने में बहुत गोरा और थुलथुला है, अधिक मेहनत से तन और मन थक जाता है, हड्डियाँ कमजोर हैं तो यह दवा लेनी चाहिएं।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: अगर मरीज को सुबह बहुत कमजोरी महसूस होती है, यहां तक कि बिस्तर से उठने का मन भी नहीं होता है, सिरदर्द सूरज उगने से लेकर सूरज डूबने तक होता है और शरीर में खून की कमी हो जाती है, है तो यह दवा लेने से फायदा होता है।
मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो भी यह दवा भी देनी चाहिए।
Tonsil’s diseases (टोंसिल के रोग)
बेराइटा कार्ब (Baryta Carb) 30CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है| इस रोग के सभी प्रकार में यह लाभ पहुचती है|
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
इपिकेक (Ipecac) 30CH: बच्चो को अगर यह समस्या हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए|
अर्सेनिकम अलबम (Arsenicum album) 30CH: पेशंट को रात को 12 बजे के बाद रोग बढ़ता है, बहुत ज्यादा बेचैनी होने लगती है, दम घुटता है, रोगी लेट नहीं पाता है, सीने में जलन भी होती है तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए|
स्पोंजिया टोस्ता (Spongia tosta) 30CH: वाहनों के धुएं, धूल आदि के कारण या मौसम के बदलने से यह तकलीफ होती है या बढती है तो इस दवा का प्रयोग करना लाभकारी होगा।
कार्बो वेग (Carbo veg) 30CH: इस रोग के साथ एसिडिटी, गैस, डकारे आना या कब्ज रहेना जैसी पाचनतंत्र संबंधित समस्या भी हो तो यह दवा का प्रयोग करना चाहिए।
50 वर्ष से अधिक उम्र वाले रोगियों के लिए भी यह दवा लाभकारी है|
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Ulcerative Colitis
(अल्सरेटिव कोलाइटिस)
अर्जेंटीम नाइट्रिकम (Argentum nitricum) 30CH: रोगी को श्लेष्म (mucus), रक्त और अत्यधिक गैस के साथ दस्त होते हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album) 30CH: इसका उपयोग तब किया जाता है जब मल में बहुत ही खराब गंध आती है। जिनको रात में पेट में जलन और दर्द होता है उनके लिए भी यह दवा लाभकारी है।
मर्क्यूरियस कौरोसाइवस (Mercurius corrosivus) 30CH: रोगी को मल के साथ खून भी जाता हो तो इस दवा का उपयोग लाभकारी होगा।
फॉस्फोरस (Phosphorus) 30CH: जिन्हें बलगम के साथ लेकिन बिना रक्त के और दर्द रहित दस्त होते है उनके लिए यह दवा लाभकारी है।
Urticaria (पित्ती)
एपिस मेल (Apis mel) 30CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है। अगर रोग के स्थान पर डंक मारने जैसा दर्द या जलन महसूस हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है ।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 30CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो, फोड़े- फुंसी से चिपचिपा बहाव निकलता हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
सल्फर (Sulphur) 30CH: इस रोग के मरीज को मीठा खाने की ज्यादा इच्छा होती हो और रोग के स्थान पर तेज जलन महसूस हो तो इस दवा का प्रयोग लाभकारी होता है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 30CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं। ऐसे मामलों में मोटी चमड़े की परतें सिर को ढक सकती हैं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Vertigo
(सिर चकराना)
स्पिजेलीया (Spigelia) 30CH: अगर इस रोगी को चक्कर आने के साथ सिरदर्द भी हो तो यह दवा लाभदायक है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के रोगियों के लिए लाभकारी दवा है।
बेलाडोना (Belladona) 30CH: अगर इस रोगी को चक्कर आने के साथ दिल की धडकने भी तेज होती हो और सिरदर्द सूर्य प्रकाश के संपर्क में आने से बड़ जाता हो तो इस दवा का उपयोग करना लाभकारी हो सकता है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 30CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 200CH: मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Vitiligo / Leucoderma
(सफ़ेद दाग)
आर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum nitricum) 200CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 200CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 200CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 200CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Warts (मस्सा)
थूजा ऑक्सीडेंटालिस (Thuja occidentalis) 200CH: इस रोग के लिए यह एक उत्तम दवा है।
अगर अन्य किसी भी दवा के स्पष्ट लक्षण ना हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए| यह सभी प्रकार के इस रोग के मरीजो के लिए लाभकारी दवा है।
ग्रेफाइट्स (Graphites) 200CH: इस रोग के साथ कब्ज की शिकायत हो और ठंडी के मौसम में रोग की तकलीफ बढ़ती हो तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।
नक्स वोमिका (Nux vomica) 200CH: जिन्हें यह तकलीफ गैस्ट्रिक समस्याओं (जैसे गैस, एसिडिटी, कब्जियत आदि) के साथ है उनके लिए यह दवा बहुत ही लाभकारी है। जो लोग जंक फूड्स, तले हुए पदार्थ अधिक खाते है या शराब पीते है या धूम्रपान करते है या शारीरिक श्रम नहीं करते है या एलॉपथी की दवा अधिक खाते है उनके लिए भी इस दवा का प्रयोग हितकर रहता है।
मेजेरियम (Mezereum) 200CH: अगर सिर पर इस रोग के लक्षण प्रगट हो रहे है तो यह दवा इस्तेमाल करनी चाहिएं।
नेट्रम म्यूर 200 : मरीज हमेशा अधिक मात्रा में दुःख या तनाव महसूस करता हो तो साथ में यह दवा भी देनी चाहिए।
Weight gain problem
(वजन न बढ़ना)
अल्फाल्फा टॉनिक (Alfalfa Tonic): वजन बढ़ाने में यह एक लाभकारी मेडिसिन है।
दवा कैसे खानी है?
- बड़ो के लिए (For adults): 15 ml (one tablespoon) 3 बार
- बच्चों के लिए (For children): 5 ml (one teaspoon) 3 बार
इस दवा को कुछ खाने से 30 मिनट पहले या बाद में खाना है।
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होम्योपैथीक दवा खाने से पहले यह 10 बातें जानना जरुरी है! होम्योपैथिक दवा कैसे ले? क्या न खाए?
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शरीर की प्रणाली और अवयव
अनुसार होम्योपैथिक दवा के नाम
Cardiovascular / Circulatory system (परिसंचरण प्रणाली)
- Diseases of heart, arteries, veins, capillaries & other related parts.
Digestive system (पाचन प्रणाली)
- Diseases of mouth, Teeth, Tongue, Salivary glands, Pharynx, Tonsils, Esophagus, Stomach, Intestines, Liver, Gallbladder, Pancreas, & other related parts.
Endocrine system (अन्तःस्रावी ग्रन्थियों की प्रणाली)
- Diseases of Pituitary gland, Pineal gland, Thyroid gland, Parathyroid glands, Adrenal glands & other related parts.
Immune system (प्रतिकार प्रणाली)
Muscular system (स्नायु प्रणाली)
- Diseases of muscles, tendons, ligaments & other related parts.
Nervous system (तंत्रिका प्रणाली)
- Diseases related to nervous system.
Urinary system / Renal system / Excretory system (मूत्र प्रणाली)
- Diseases of kidneys, ureters, bladder, urethra & other related parts.
Reproductive system: MALE (पुरुष प्रजनन प्रणाली)
- Diseases of Testis, Epididymis, Vas deferens, Seminal vesicles, Prostate, Bulbourethral glands, Penis, Scrotum & other related parts.
Reproductive system: FEMALE (मादा प्रजनन प्रणाली)
- Diseases of Ovaries, Fallopian tubes, Uterus, Vagina, Vulva, Clitoris & other related parts.
Respiratory system (श्वसन प्रणाली)
- Diseases of Nasal cavity, Pharynx, Larynx, Trachea,Bronchi, Lungs, Diaphragm & other related parts.
Skin, Nails & Hair (त्वचा, नाख़ून और बाल)
Skeletal & Joint system (हड्डीयों और जोड़ों की प्रणाली)
- Diseases of bones, joints & other related parts.
Cardiovascular / Circulatory system
(परिसंचरण तंत्र)
Diseases of heart, arteries, veins, capillaries & other related parts.
कैक्टस ग्रैंडीफ्लोरस
CACTUS GRANDIFLORUS 30CH
यह दवा हृदय और परिसंचरण तंत्र से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Digestive system
पाचन प्रणाली
Diseases of mouth, Teeth, Tongue, Salivary glands, Parotid glands, Submandibular glands, Sublingual glands, Pharynx, Tonsils, Esophagus, Stomach, Small intestine, Duodenum, Jejunum, Ileum, Large intestine, Liver, Gallbladder, Mesentery, Pancreas, Anal canal and anus & other related parts.
कार्बो वेग
Carbo veg 30CH
यह दवा पाचन प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Endocrine system
अन्तःस्रावी ग्रन्थियों की प्रणाली
Diseases of Pituitary gland, Pineal gland, Thyroid gland, Parathyroid glands, Adrenal glands & other related parts.
पल्सेटिला
Pulsatilla 30CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Immune system
प्रतिकार प्रणाली
अल्फाल्फा
Alfalfa 30CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Muscular system
स्नायु प्रणाली
Diseases of muscles, tendons, ligaments & other related parts.
ब्रायोनिया अल्बा
Bryonia alba 30CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Nervous system
तंत्रिका प्रणाली
Diseases related to nervous system.
हायपरिकम
Hypericum 30CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Reproductive system: MALE
पुरुष प्रजनन प्रणाली
Diseases of Testis, Epididymis, Vas deferens, Seminal vesicles, Prostate, Bulbourethral glands, Penis, Scrotum & other related parts.
लायाकोपोडीयम
Lycopodium 30 CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Reproductive system: FEMALE
मादा प्रजनन प्रणाली
Diseases of Ovaries, Fallopian tubes, Uterus, Vagina, Vulva, Clitoris & other related parts.
सेपिया
Sepia 30 CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Respiratory system
श्वसन प्रणाली
Diseases of Nasal cavity, Pharynx, Larynx, Trachea,Bronchi, Lungs, Diaphragm & other related parts.
रस टोक्स
Rhus tox 30 CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Skin, Nails Hair
त्वचा, नाख़ून और बाल
सल्फर
Sulphur 30 CH
यह दवा इन अवयवों से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Skeletal & Joint system
हड्डीयों और जोड़ों की प्रणाली
Diseases of bones, joints & other related parts.
कल्केरिया कार्ब
Calcarea carb 30 CH
यह दवा इन अवयवों से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
Urinary (Renal) system
मूत्र प्रणाली
Diseases of kidneys, ureters, bladder, urethra & other related parts.
केंथेरिस
Cantharis 30CH
यह दवा इस प्रणाली से संबंधित सभी रोगों के लिए लाभकारी होती है।
शरीर की प्रणाली और अवयव
अनुसार होम्योपैथिक दवा के नाम
Cardiovascular / Circulatory system (परिसंचरण प्रणाली)
- Diseases of heart, arteries, veins, capillaries & other related parts.
Digestive system (पाचन प्रणाली)
- Diseases of mouth, Teeth, Tongue, Salivary glands, Pharynx, Tonsils, Esophagus, Stomach, Intestines, Liver, Gallbladder, Pancreas, & other related parts.
Endocrine system (अन्तःस्रावी ग्रन्थियों की प्रणाली)
- Diseases of Pituitary gland, Pineal gland, Thyroid gland, Parathyroid glands, Adrenal glands & other related parts.
Immune system (प्रतिकार प्रणाली)
Muscular system (स्नायु प्रणाली)
- Diseases of muscles, tendons, ligaments & other related parts.
Nervous system (तंत्रिका प्रणाली)
- Diseases related to nervous system.
Urinary system / Renal system / Excretory system (मूत्र प्रणाली)
- Diseases of kidneys, ureters, bladder, urethra & other related parts.
Reproductive system: MALE (पुरुष प्रजनन प्रणाली)
- Diseases of Testis, Epididymis, Vas deferens, Seminal vesicles, Prostate, Bulbourethral glands, Penis, Scrotum & other related parts.
Reproductive system: FEMALE (मादा प्रजनन प्रणाली)
- Diseases of Ovaries, Fallopian tubes, Uterus, Vagina, Vulva, Clitoris & other related parts.
Respiratory system (श्वसन प्रणाली)
- Diseases of Nasal cavity, Pharynx, Larynx, Trachea,Bronchi, Lungs, Diaphragm & other related parts.
Skin, Nails & Hair (त्वचा, नाख़ून और बाल)
Skeletal & Joint system (हड्डीयों और जोड़ों की प्रणाली)
- Diseases of bones, joints & other related parts.
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दवा कहा मिलेगी ?
अधिकतर शहरों में अब होमियोपैथी दुकाने होती है। आपको अपने शहर में इन होमियोपैथी दवा की दुकान यानि फार्मेसी के बारे में पता करना है और वहा से इन दवाओ को आप आसानी से खरीद सकते है।
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दवा कैसे खानी है ?
इस लेख में बताई हुई दवा को लेना का तरीका :
- 10 बूंद दवा के आधा गिलास पानी में डालकर दिनमे 3 बार लेना है |
- इस दवा को कुछ खाने से 30 मिनट पहले या बाद में खाना है।
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होम्योपैथीक दवा खाने से पहले यह 10 बातें जानना जरुरी है! होम्योपैथिक दवा कैसे ले? क्या न खाए?
<<< यह विडियो विडियो देखने के लिए क्लिक करें।
आरोग्य के लिए उपयोगी विडियो की लिंक
ABOUT FOUNDER
DR. ASHISH L. THAKKAR
Health Researcher | Author
Homoeopath | Speaker
पिछले 18 सालों में, होमियोपैथ की भूमिका में, आपने अपने हजारों मरीजों को पुराने और पीड़ादायक रोगों से मुक्त किया है और अनेको को ऑपरेशन से भी बचाया है।
आप खुद को और अपने बच्चों को 17 सालों से बिना किसी दवाई के स्वस्थ रखने में सफल रहे हैं।
आशा करता हूँ कि आपको यह जानकारी अवश्य पसंद आयी होगी। आप के अनुभव. प्रश्न, कमेंट और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखे उया कॉल का बटन दबाएं।
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अस्वीकरण: इस पेज और संपूर्ण वेबसाइट के माध्यम से दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल जानकारी देना है। यह जानकारी किसी भी समस्या या रोग की चिकित्सा, रोग के निदान और चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है। सभी व्यक्ति भिन्न-भिन्न है, सभी रोग या समस्या अपने आप में भिन्न है, इसलिए सभी के लिए समाधान और परिणाम भी भिन्न-भिन्न होते हैं। इसलिए इस जानकारी का इस्तेमाल करने से पहले योग्य डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श करें और अपनी विवेक बुद्धि का योग्य उपयोग करें।
Dear sir
I am rajesh Kumar verma from jhansi. I am a kidney patient. I have stage 5 and I have dialisys 6 time. Please help. I want treatment from this disease . my mob no.9236185293.