अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही रीना ठीक हो गई

6 वर्ष पहले बुखार और उलटी के साथ मेरे पेट में तेज दर्द हो रहा था। वह दवाई-इंजेक्शन से ठीक नहीं हो रहा था। डॉक्टरों ने अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने की सलाह दी थी। लेकिन डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार से मेरी पेट की तकलीफ बिना-ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।
6 वर्ष पहले बुखार और उलटी के साथ मेरे पेट में तेज दर्द हो रहा था। वह दवाई-इंजेक्शन से ठीक नहीं हो रहा था। डॉक्टरों ने अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने की सलाह दी थी। लेकिन डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार से मेरी पेट की तकलीफ बिना-ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।
दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई

डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से मेरी बेटी हेतवी की दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई, वह भी होमियोपैथी की सुरक्षित और मीठी गोलियों से। डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से मेरी बेटी हेतवी की दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई, वह भी होमियोपैथी की सुरक्षित और मीठी गोलियों से।
“दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई”
मानिया की चमड़ी की एलर्जी जड़ से ठीक हो गई

DrALT की डिटोक्स (लेवल 3) ट्रीटमेंट की सहायता से मनिया एक साल की खुजली की तकलीफ़ 1 सप्ताह में ही ठीक हो गई। पिछले 7 साल से उसे यह तकलीफ़ बिलकुल नहीं हुई है।
DrALT की ट्रीटमेंट के इस्तेमाल से उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ गई है और जिस से वह जल्दी बीमार भी नहीं पड़ती। स्किन की एलर्जी और खुजली की वजह से, मेरी बेटी मानिया, काफ़ी परेशान हो गई थी। एलॉपथी की दवाई से सिर्फ कुछ समय के लिए ही उसे अच्छा लगता था। जैसे ही दवाई का असर निकल जाता था तो फिर से खुजली शुरू हो जाती थी।
एक साल तक हमने अनेक डॉक्टरों से इलाज करवाया। बच्चों के और चमड़ी के डॉक्टरों की दवाई देकर भी देखा। लेकिन उसकी यह तकलीफ़ जड़ से ठीक नहीं हो रही थी।
फिर हमने उसे डॉ.ठक्कर (DrALT) को दिखाया। उनकी ट्रीटमेंट से उसकी एक साल की खुजली की तकलीफ़ 1 सप्ताह में ही ठीक हो गई। फिर उसे एक-दो खुजली शुरू हुई थी, जो DrALT की दवाई से तुरंत ठीक हो गई। पिछले 7 साल से उसे यह तकलीफ़ बिलकुल नहीं हुई है।
DrALT की डिटोक्स (लेवल 3) ट्रीटमेंट के इस्तेमाल से उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ गई है और जिस से वह जल्दी बीमार भी नहीं पड़ती।
दिपेश 17 सालों से बिना दवाई के ही स्वस्थ है

यह एक असरकारक प्रोग्राम है। इस के इस्तेमाल से मैं अपने बेटे दिपेश को, पिछले 17 सालों से, बिना-दवाई के स्वस्थ रखने में सफल रही हूँ।
उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता।
बच्चों को रोग और इलाज की दर्दनाक यातनाओं से बचाना है और उनकी प्रतिकार शक्ति को बढ़ाना है तो इस प्रोग्राम से बेहतर विकल्प और कोई नहीं है। यह एक असरकारक प्रोग्राम है। इस के इस्तेमाल से मैं अपने बेटे दिपेश को, पिछले 17 सालों से, बिना-दवाई के स्वस्थ रखने में सफल रही हूँ!
उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता।
और कभी कुछ तकलीफ हुई तो भी बिना दवाई के ही बहुत ही कम समय में ठीक हो जाता है।
बच्चों को रोग और इलाज की दर्दनाक यातनाओं से बचाना है, तो उसकी प्रतिकार शक्ति को बढ़ाना आवश्यक है।
मेरी जानकारी में बच्चों की प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए इस प्रोग्राम से बेहतर विकल्प और कोई नहीं है।
राखी (डॉ.ठक्कर की बहन)
हेल्दी किड्स प्रोग्राम के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें
हेल्दी किड्स प्रोग्राम के कुछ अन्य सफल अनुभव के लिए यहाँ क्लिक करें >>
वंशिका की चमड़ी और टॉन्सिल्स की तकलीफ हमेशा के लिए ठीक हो गई
जय की टॉन्सिल्स की बीमारी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई
रीना अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही ठीक हो गई
ख़ुशी की पुरानी बीमारी ठीक हो गई और आँखों का नंबर भी उतर गया
हेतवी की दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई
मानिया की चमड़ी की एलर्जी जड़ से ठीक हो गई
निकिता की 8 cm ऊंचाई बढ़ गई
सोनाली की मासिक धर्म और सर्दी-खांसी की पुरानी तकलीफ ठीक हो गई
प्रथम की 2 साल पुरानी चमड़ी की बीमारी 1 महीने में ठीक हो गई
नंदकुमार की 14 वर्षों पुरानी खांसी की बीमारी जड़ से ठीक हो गई
आदर्श के बुखार और उल्टी बिना दवाई के ही 1 दिन में ठीक हो गए
जयश्री की किडनी की पथरी निकल गई और लीवर की सुजन भी ठीक हो गई
⇒ जयश्री माने की सोनोग्राफी रिपोर्ट
गंभीर नवजात शिशु एक दिन में ही ठीक हो गया
हमारे बच्चों के अनुभव
दिपेश ने 17 सालों से कुछ भी दवाई नहीं ली है
निसर्ग ने माँ के गर्भ में और जन्म से आज तक कुछ भी दवाई नहीं ली
एक दिन में किडनी की चार पथरी निकल गई

DrALT की डिटोक्स (लेवल 3) ट्रीटमेंट की सहायता से एक दिन में ही मेरी किडनी की 4 पथरी निकल गई !
श्री मनीष पगारे (Rationing Inspector, Mumbai)
श्री मनीष पगारे की सोनोग्राफी रिपोर्ट की लिंक उनके अनुभव के विडियो में दी है।
नीचे दी हुई DrALT की डिटोक्स ट्रीटमेंट के सफल अनुभव के विडियो की लिंक क्लिक करके आप मनीष जी का विडियो देख सकते हो।
“एक दिन में किडनी की चार पथरी निकल गई”
श्री मनीष पगारे की सोनोग्राफी रिपोर्ट
⇓ ट्रीटमेंट के पहले ⇓

श्री मनीष पगारे की सोनोग्राफी रिपोर्ट
⇓ ट्रीटमेंट के बाद ⇓

जयश्री की किडनी की पथरी निकल गई और लीवर की सुजन भी ठीक हो गई


मेरी बेटी जयश्री को कुछ महीने से बार-बार पेट में दर्द होता था। एलॉपथी की दवाई से बस थोड़े समय के लिए दर्द कम होता था। सोनोग्राफी में पता चला कि उसकी किडनी में पथरी है और लीवर में सूजन भी है। लेकिन डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और होम्योपैथीक दवाई से उसकी किडनी की पथरी निकल गई और लीवर की सूजन भी ठीक हो गई।
लक्ष्मी (जयश्री की मम्मी), कल्याण
जयश्री माने की सोनोग्राफी रिपोर्ट नीचे दी है >>
जयश्री माने की सोनोग्राफी रिपोर्ट
⇓ ट्रीटमेंट के पहले ⇓




जयश्री माने की सोनोग्राफी रिपोर्ट
⇓ ट्रीटमेंट के बाद ⇓




पित्ताशय की पथरी और सुजन ठीक होने का अनुभव

सुनील कजानिया की रिपोर्ट
ट्रीटमेंट से पहले
ट्रीटमेंट के बाद
पित्ताशय की पथरी और प्रोस्टेट की सुजन ठीक होने का अनुभव

किशोरभाई रूपारेलिया की रिपोर्ट
ट्रीटमेंट से पहले
ट्रीटमेंट के बाद
पित्ताशय और किडनी की पथरी से मुक्ति पाने का अनुभव

विकास भोईर की रिपोर्ट
ट्रीटमेंट से पहले
ट्रीटमेंट के बाद
पित्ताशय की पथरी और सुजन ठीक होने का अनुभव

यश का बवासीर (piles) ठीक हो गया
बवासीर की वजह से बहुत ही तेज दर्द हो रहा था। सुजन भी बहुत ही ज्यादा मात्रा में बढ़ गई थी। खून भी जा रहा था। ऑपरेशन करना अनिवार्य लग रहा था।
लेकिन मेरे पिताजी ने कुछ वर्ष पहले बवासीर का ऑपरेशन करवाया था। फिर भी उन्हें यह तकलीफ़ फिर से हो गयी थी। तब उन्होंने डॉ.ठक्कर की होमियोपैथिक दवाई का कोर्स किया। जिससे उनकी यह बीमारी जड़ से ही ठीक हो गई।
इसी लिए मैंने पूर्ण विश्वास से डॉ.ठक्कर की होमियोपैथिक ट्रीटमेंट की। जिससे मेरी इतने अधिक मात्रा में पहोची हुई पाइल्स की तकलीफ भी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।
यश अल्दार
अब तो बिना दवाई के और मिठाई खाकर भी ब्लड सुगर नॉर्मल है !



जवाहरलाल व्यास
वंशिका की चमड़ी और टॉन्सिल्स की तकलीफ हमेशा के लिए ठीक हो गई
दवाई से बस कुछ दिनों के लिए आराम होता था। और फिर से खांसी और टॉन्सिल्स की समस्या शुरू हो जाती थी।
बहुत से डॉक्टरों से दवाई करवाई, फिर भी उसकी यह तकलीफ़ जड़ से नहीं ठीक हो रही थी।
जब वो 9 महीने की हुई तो उसे दवाई की वजह से (side effects) चमड़ी की बीमारी भी शुरू हो गई।
उसके शरीर पर फोड़े-फुंसी निकलते थे और बहुत खुजली भी आती थी।
बड़े-बड़े डॉक्टरों से इलाज करवाया लेकिन कुछ भी लाभ नहीं हो रहा था। मैं और उसके पापा बहुत परेशान हो गए थे।
जब २ १/२ वर्ष की हुई तब हम उसे डॉ.ठक्कर के पास लेकर आए थे। डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और दवाई का कोर्स करने से उसकी चमड़ी और टॉन्सिल्स की तकलीफ हमेशा के लिए ठीक हो गई।
आज उस बात को 10 वर्ष हो गए है। तब से मेरी वंशिका बिलकुल स्वस्थ है।
प्रिया खाती (वंशिका की मम्मी), कल्याण
जय की टॉन्सिल्स की बीमारी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई
कुछ भी ठंडा खाने पर दूसरे दिन गला पकड़ लेता था और बुखार भी बहुत बढ़ जाता था।
बाद में टॉन्सिल्स भी पीले हो जाते थे। यह बार-बार होने की वजह से एलॉपथी के डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा था। ऑपरेशन का नाम सुनते ही जय रोने लगा।
फिर हमने उसे डॉ.ठक्कर को दिखाया। उन्होंने जय को चेक करके कहा 9 महीने का होम्योपैथीक दवाई का कोर्स करना पड़ेगा।
उनकी ट्रीटमेंट का रिजल्ट पहले महीने में ही पता चलने लगा। क्योंकि उसी महीने में उसने जब आइस-क्रीम खाई, तो उसे कुछ भी तकलीफ नहीं हुई।
डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और दवाई से उसकी यह बीमारी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।
अच्छे परिणामों को देखकर डॉक्टर साहब ने 9 महीने का कोर्स 6 महीने में ही रोक दिया और कहा अब इसे और दवाई की जरूरत नहीं है।
उन्होंने हमें समझाया कि मेरी दवाई पर भी ज्यादा डिपेंड होने की जरूरत नहीं है। मेरी दवाई से भी अधिक महत्वपूर्ण है हेल्दी किड्स प्रोग्राम का ज्ञान। इसे हमेशा इस्तेमाल करते रहना।
मीना कानिटकर (जय की मम्मी), अंबरनाथ
अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही रीना ठीक हो गई
6 वर्ष पहले बुखार और उलटी के साथ मेरे पेट में तेज दर्द हो रहा था। वह दवाई-इंजेक्शन से ठीक नहीं हो रहा था। डॉक्टरों ने अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने की सलाह दी थी। लेकिन डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार से मेरी पेट की तकलीफ बिना-ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।
रीना रावल, उल्हासनगर
अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही श्रीमती शारदा नागुरे ठीक हो गये
लेकिन मेरे पति मुझे डॉ.ठक्कर के पास लेकर आए। डॉ.ठक्कर की ट्रीटमेंट से मेरा दर्द एक दिन में ही ठीक हो गया। और मेरी अपेंडिक्स की सुजन बिना-ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।
शारदा नागुरे , उल्हासनगर
अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही प्रशांत ठीक हो गया
प्रशांत भोईर (MBA)
अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही विलास ठीक हो गया
विलास दोहले
खुसी की पुरानी बीमारी ठीक हो गई और आँखों का नंबर भी उतर गया
वंदना भोईर (ख़ुशी की मम्मी), कल्याण
नंदकुमार की 14 वर्षों पुरानी खांसी की बीमारी जड़ से ठीक हो गई
अनेक स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से इलाज करवाया और टीबी की दवाई का कोर्स भी किया, लेकिन मेरी बीमारी जड़ से ठीक नहीं हो रही थी।
लेकिन डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और 6 महीने की होम्योपैथीक ट्रीटमेंट से मेरी 14 वर्षों पुरानी खांसी की बीमारी जड़ से ठीक हो गई।
पिछले 3 वर्ष से मैं बिना किसी दवाई के स्वस्थ हूँ।
नंदकुमार गावडा, उल्हासनगर
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हेतवी की दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई
दीपा चावड़ा (हेतवी की मम्मी), विक्रोली
सोनाली की मासिक धर्म और सर्दी-खांसी की पुरानी तकलीफ ठीक हो गई
लेकिन डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम की वजह से मेरी यह सभी समस्याएं एकदम ठीक हो गई।
तीन सालो से मैंने कुछ भी दवाई नहीं खाई है।
अब मुझे ज्यादा करके कोई भी बीमारी नहीं होती।
और अगर कभी कोई छोटी-मोटी तकलीफ हो भी गई तो डॉ.ठक्कर ने सिखाए हुए आंतरिक उपचार से मैं खुद ही उसे बिना दवाई के ठीक कर देती हूँ।
इस के साथ मुझे स्मरणशक्ति की भी समस्या थी। एग्जाम के समय मैं सब भूल जाती थी। 10th में मुझे 67 % मिले थे (क्लास लगाकर भी)।
लेकिन डॉ. ठक्कर के “माइंड एण्ड मेमरी प्रोग्राम” की वजह से मेरी स्मरणशक्ति भी अच्छी हो गई है और आत्मविश्वास भी बढ़ गया है। और 12th में मुझे 77 % मिले, वह भी बिना किसी क्लास के।
मेरी मम्मी की किडनी की पथरी भी डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार से गिर गई है।
सोनाली भोईर, कल्याण
मानिया की चमड़ी की एलर्जी जड़ से ठीक हो गई
एक साल तक हमने अनेक डॉक्टरों से इलाज करवाया। बच्चों के और चमड़ी के डॉक्टरों की दवाई देकर भी देखा। लेकिन उसकी यह तकलीफ़ जड़ से ठीक नहीं हो रही थी।
फिर हमने उसे डॉ.ठक्कर को दिखाया। उनकी ट्रीटमेंट से उसकी एक साल की खुजली की तकलीफ़ 1 सप्ताह में ही ठीक हो गई। फिर उसे एक-दो खुजली शुरू हुई थी, जो डॉ.ठक्कर की दवाई से तुरंत ठीक हो गई। पिछले 7 साल से उसे यह तकलीफ़ बिलकुल नहीं हुई है।
डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ गई है और जिस से वह जल्दी बीमार भी नहीं पड़ती।
नंदिनी कुकरेजा (मानिया की मम्मी), कल्याण
प्रथम की 2 साल पुरानी चमड़ी की बीमारी 1 महीने में ठीक हो गई
आशा (प्रथम की मम्मी), अंबरनाथ
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निकिता की 8 cm ऊंचाई बढ़ गई
डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और होम्योपैथीक दवाई से मेरी ऊंचाई (height) 8 cm तक बढ़ गई है।
उपचार से पहले उंचाई >>
147 cm (4 फूट 10 इंच)
⇓ ⇓ ⇓
उपचार के बाद उंचाई >>
155 cm (5 फूट 1 इंच)
निकिता चौहान, उल्हासनगर
आदर्श के बुखार और उल्टी बिना दवाई के ही 1 दिन में ठीक हो गए
बेटे को इस तरह छोड़कर जाना मेरे लिए संभव नहीं था।
तब डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम की कुछ बाते मुझे याद आई और आदर्श के लिए मैंने पूर्ण श्रद्धा से उनका इस्तेमाल किया।
इससे आदर्श का बुखार और उल्टी बिना दवाई के ही एक दिन में ठीक हो गए।
डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से मेरे दोनों बच्चों की प्रतिकार शक्ति और स्मरणशक्ति बहुत ही अच्छी हो गई है।
इस वजह से वे जल्दी बीमार नहीं पड़ते और कभी कुछ तकलीफ हुई तो भी बिना दवाई के या बहुत ही कम दवाई से ही ठीक हो जाते है।
उनकी स्मरणशक्ति बढ़ने की वजह से उन दोनों के मार्क्स भी बहुत ही अच्छे आने लगे है।
वनिता शिवशरण (आदर्श और प्राजक्ता की मम्मी), कल्याण
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गंभीर नवजात शिशु एक दिन में ही ठीक हो गया
मेरी पत्नी ने 01.11.2007 को सुबह 8.45 बजे एक लड़के को जन्म दिया। मगर जन्म के बाद वह बहुत ही देरी से और धीरे-धीरे रोया। हम उसे बच्चों की एक बड़ी अस्पताल में दिखाने के लिए लेकर गये। उन्होंने बच्चे को देखकर कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है।
उसकी साँसें ठीक से नहीं चल रही है। और धड़कने भी तेज है। बच्चे को विशेष सुविधायुक्त पेटी में रखना होगा। जिसका खर्चा तीन से पाँच हजार तक जायेगा। दस दिनों से ज्यादा रखना पड़ेगा। और इतना करने के बाद भी बच्चे के बचने की बिलकुल गेरेंटी नहीं है। मैंने भगवान भरोसे बच्चे को वहाँ से निकाला और फिर हम डॉ. ठक्कर के पास उसे लेकर गये। उन्होंने अपने यहाँ से होम्योपैथीक दवाई की एक बॉटल दी और 4-4 बुंदे 30 मिनट के अंतर से पिलाने को कहा। धीरे-धीरे बच्चे की परिस्थिति में सुधार आने लगा और आज भी वह बच्चा स्वस्थ है।
आनंद भेनवाल, कल्याण
दिपेश ने 17 सालों से कुछ भी दवाई नहीं ली है
उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता।
और कभी कुछ तकलीफ हुई तो भी बिना दवाई के ही बहुत ही कम समय में ठीक हो जाता है।
बच्चों को रोग और इलाज की दर्दनाक यातनाओं से बचाना है, तो उसकी प्रतिकार शक्ति को बढ़ाना आवश्यक है।
मेरी जानकारी में बच्चों की प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए इस प्रोग्राम से बेहतर विकल्प और कोई नहीं है।
राखी (डॉ.ठक्कर की बहन)
निसर्ग ने माँ के गर्भ में और जन्म से आज तक कुछ भी दवाई नहीं ली
और कुछ वर्षों पहले महिलाओं की प्रसूति भी ऐसे ही होती थी। तो क्या हम आधुनिक महिलाओं की प्रसूति भी बिना किसी दवाई के ही सहज, प्राकृतिक और अती वेदनारहीत हो सकती है ?”
और फिर इस प्रश्न का अनुभव आधारित उत्तर जानने का समय आ गया, जब मैंने गर्भधारण किया।
इस प्रयोग में मेरे पति (डॉ.आशिष ठक्कर) का मुझे पूर्ण सहयोग मिला।
हम दोनों ने इस विषय में गहरा अध्ययन करना शुरू किया।
इससे मुझे अपने माइंड को “सहज प्रसूति” के लिए रीसेट करने के अनेक वैज्ञानिक तरीकों के बारे में पता चला।
और फिर वह दिन आ गया, जिसका मुझे और मेरे पति को इंतजार था। मुझे प्रसूति का दर्द शुरू हो गया।
मैंने बिना किसी दवाई के ही कुदरती और अती वेदनारहीत प्रसूति द्वारा अपने बेटे को जन्म दिया। यह प्रसूति हमारे घर पर ही हुई है। उस समय मेरे साथ सिर्फ मेरे पति थे। और मेरी माँ बहार रूम में थी।
हमारे बेटे का जन्म नैसर्गिक तरीके से हुआ है, इसलिए हमने उसका नाम भी निसर्ग रखा है (निसर्ग का मतलब है कुदरत)।
मेरे गर्भ में और जन्म से लेकर आज तक उसे हमने कुछ भी दवाई या वैक्सीन नहीं दी है।
उसकी प्रतिकार शक्ति इतनी अच्छी है कि वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता।
और कभी कुछ तकलीफ हुई तो भी बिना दवाई के ही बहुत ही कम समय में ठीक हो जाता है।
सरस्वती आशिष ठक्कर (डॉ.ठक्कर की पत्नी)
* अस्वीकरण (Disclaimer)
डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार के, यहाँ दिए हुए अनुभव 100 % सत्य है। लेकिन सभी व्यक्ति भिन्न है, सभी रोग अपने आप में भिन्न है, इसलिए सभी के लिए उपचार से प्राप्त होने वाले परिणाम भी भिन्न-भिन्न होते हैं। डॉ.आशिष एल. ठक्कर या उनका उपचार किसी भी रोग को ठीक नहीं करते है और ना ही ऐसा कोई दावा करते है। डॉ.ठक्कर और उनका उपचार मात्र रोगों के आंतरिक कारणों को दूर करने में सहायता करते है। रोग ठीक तो केवल रोगी की आंतरिक उपचारक शक्ति ही कर सकती है। इस वेबसाइट का उद्देश्य केवल जानकारी देना है। इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी किसी भी रोग की चिकित्सा, रोग के निदान और चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है।रोग मुक्ति के लिए इबुक | फ्री | 75% off..


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उसके बाद आगे क्या करना इसका निर्णय, आपके दिल और दिमाग के अनुसार, आप ले सकते है।
आहार को दवाई बनालो, वरना दवाई आहार बन जाएगी!
बिना दवाई के ‘उपचारक आहार’ द्वारा रोग जड़ से ठीक हो सकते है, लेकिन ‘बिना उपचारक (HP) आहार’ के कोई भी रोग जड़ से ठीक नहीं हो सकता! अगर आप इस किताब में बताए हुए ‘उपचारक और रक्षक आहार’ को इस्तेमाल करते हो तो आपका और आपके बच्चे का आरोग्य का स्तर अवश्य बेहतर होगा।
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11 गलतियां जो बच्चों के रोगों को जड़ से ठीक नहीं होने देती (75% off)
- चॉकलेट और नूडल्स का को अधिक खाना।
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क्या आपके बच्चे की बीमारी अनेक उपचार के बावजूत ठीक नहीं हो रही है? तो इस इस उदहारण को पूर्ण और ध्यान से पढ़े:
एक गाव में राम और श्याम के दो चचेरे भाई रहते थे। दोनों लगभग समान आयु के थे।
दोनों को बार-बार टोन्सिल में सुजन आने लगी।
तीन बार गाव के डॉक्टर से इलाज करवाने पर भी राम की टोन्सिल में सुजन आने की तकलीफ जड़ से ठीक नहीं हुई तब उसके पिताजी ने शहर जाकर बड़े अस्पताल में उसका इलाज शुरू किया। वहा पर रोग निदान के लिए अनेक तरह के टेस्ट किए गए जैसे – ब्लड टेस्ट, एक्स रे, CT scan, MRI आदि। महगी और पावरफुल अनेक तरह दवाई गोली 6 महीनो तक खिलाए गए। लेकिन उसकी तकलीफ कम होने बजाय बढ़ती गयी। और फिर ऑपरेशन कर दिया गया।
लेकिन समस्या यहाँ पर भी ख़त्म नहीं हुई।
अब उसे बार-बार निमोनिया होने लगा और दमारोग रोग भी शुरू हो गया।
डॉक्टरोंने कहा अब इसे जीवन भर दवाई खानी पड़ेगी।
क्या यह सब टल सकता था?
जी हाँ! श्याम के किस्से द्वारा इसे समझने की कोशिश करते है!
यहाँ पर श्याम की भी टोन्सिल में सुजन आने की तकलीफ तीन-चार बार गाव के डॉक्टर से इलाज करवाने पर जड़ से ठीक नहीं हुई तब उसके पिताजी ने उसकी मम्मी को बुलाया। उन्होंने DLM निदान प्रक्रिया करने का सोचा। DLM निदान प्रक्रिया से उन्हें श्याम के रोग के लिए तीन बीज कारण सामने आये जैसे –
फिर उन्होंने रोग इन बीज कारणों को दूर करने का निर्णय लिया।
उन्होंने श्याम की सभी दवाई बंद कर दी। चोकलेट और नूडल्स सिर्फ महीने में एक से दो बार दिए। दोपहर को 12 बजे तक भरपूर मात्रा में सिर्फ फल खिलाए और सुबह को 45 मिनट के लिए सूर्य प्रकाश में खेलने को भेजने लगे।
उसके बाद श्याम को टोन्सिल की सुजन की तकलीफ कभी भी नहीं हुई। प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से उसे भविष्य अन्य भी कोई बड़ा रोग नहीं हुआ।
ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है।
जब भी हमारे बच्चे बीमार होते है तो हम दवाई देकर उसे ठीक करते है।
जब हमें समझमें आता है की इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है।
लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।
अगर श्याम के मातापिता की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हमारा बच्चा रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकता है।
यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।
ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है। जब भी हम बीमार होते है तो दवाई लेकर उसे ठीक करते है। जब हमें समझमें आता है कि इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है। लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।
अगर मोहन भाई की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हम भी रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकते है। यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।
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7 दिन में बच्चों के रोगों को जड़ से ठीक करें (66% off)
- टॉन्सिल्स की सुजन
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इस किताब में बताए डिटोक्स प्रोग्राम के बाद कोशिकाओं की औषधिय तत्वों और पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे अनेक वर्ष पुराने और जिद्दी रोग भी ठीक होने लगते है।
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14 गलतियां जो रोगों को जड़ से ठीक नहीं होने देती (75% off)
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- सूर्य प्रकाश बिलकुल न मिलना।
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इस इबुक में ऐसी 11 गलतियों के बारे में जानकारी दी है जो अच्छे से अच्छी ट्रीटमेंट को भी असफल बना सकती है।
क्या आपके बच्चे की बीमारी अनेक उपचार के बावजूत ठीक नहीं हो रही है? तो इस इस उदहारण को पूर्ण और ध्यान से पढ़े:
एक गाव में राम और श्याम के दो चचेरे भाई रहते थे। दोनों लगभग समान आयु के थे।
दोनों को बार-बार टोन्सिल में सुजन आने लगी।
तीन बार गाव के डॉक्टर से इलाज करवाने पर भी राम की टोन्सिल में सुजन आने की तकलीफ जड़ से ठीक नहीं हुई तब उसके पिताजी ने शहर जाकर बड़े अस्पताल में उसका इलाज शुरू किया। वहा पर रोग निदान के लिए अनेक तरह के टेस्ट किए गए जैसे – ब्लड टेस्ट, एक्स रे, CT scan, MRI आदि। महगी और पावरफुल अनेक तरह दवाई गोली 6 महीनो तक खिलाए गए। लेकिन उसकी तकलीफ कम होने बजाय बढ़ती गयी। और फिर ऑपरेशन कर दिया गया।
लेकिन समस्या यहाँ पर भी ख़त्म नहीं हुई।
अब उसे बार-बार निमोनिया होने लगा और दमारोग रोग भी शुरू हो गया।
डॉक्टरोंने कहा अब इसे जीवन भर दवाई खानी पड़ेगी।
क्या यह सब टल सकता था?
जी हाँ! श्याम के किस्से द्वारा इसे समझने की कोशिश करते है!
यहाँ पर श्याम की भी टोन्सिल में सुजन आने की तकलीफ तीन-चार बार गाव के डॉक्टर से इलाज करवाने पर जड़ से ठीक नहीं हुई तब उसके पिताजी ने उसकी मम्मी को बुलाया। उन्होंने DLM निदान प्रक्रिया करने का सोचा। DLM निदान प्रक्रिया से उन्हें श्याम के रोग के लिए तीन बीज कारण सामने आये जैसे –
फिर उन्होंने रोग इन बीज कारणों को दूर करने का निर्णय लिया।
उन्होंने श्याम की सभी दवाई बंद कर दी। चोकलेट और नूडल्स सिर्फ महीने में एक से दो बार दिए। दोपहर को 12 बजे तक भरपूर मात्रा में सिर्फ फल खिलाए और सुबह को 45 मिनट के लिए सूर्य प्रकाश में खेलने को भेजने लगे।
उसके बाद श्याम को टोन्सिल की सुजन की तकलीफ कभी भी नहीं हुई। प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से उसे भविष्य अन्य भी कोई बड़ा रोग नहीं हुआ।
ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है।
जब भी हमारे बच्चे बीमार होते है तो हम दवाई देकर उसे ठीक करते है।
जब हमें समझमें आता है की इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है।
लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।
अगर श्याम के मातापिता की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हमारा बच्चा रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकता है।
यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।
ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है। जब भी हम बीमार होते है तो दवाई लेकर उसे ठीक करते है। जब हमें समझमें आता है कि इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है। लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।
अगर मोहन भाई की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हम भी रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकते है। यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।
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Dr. Ashish L. Thakkar
Health Educator and Researcher
Homoeopath | Speaker | Author
पिछले 18 सालों में, होमियोपैथ की भूमिका में, आपने अपने हजारों मरीजों को पुराने और पीड़ादायक रोगों से मुक्त किया है और अनेको को ऑपरेशन से भी बचाया है।
आप खुद को और अपने बच्चों को 17 सालों से बिना किसी दवाई के स्वस्थ रखने में सफल रहे हैं।