सफल अनुभव

डॉ.ठक्कर की

4 स्टेप होमियोपैथिक ट्रीटमेंट

के सफल अनुभव

डॉ.ठक्कर की 4 स्टेप होमियोपैथिक ट्रीटमेंट को

⇒ आंतरिक उपचार और

⇒ हेल्दी किड्स प्रोग्राम भी कहते है।

सफल अनुभव के विडियो

अपेंडिक्स की सुजन

अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही मैं ठीक हो गई.. रीना ! (Video) 

अपेंडिक्स की सुजन

अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही मैं ठीक हो गया .. प्रशांत ! (Video) 

कमर और घुटनों का दर्द

मेरा कमर और घुटनों का दर्द ऑपरेशन किए बिना ही ठीक हो गया .. लक्ष्मीबाई ! (Video) 

टॉन्सिल्स की सुजन

मेरे बेटे जय की टॉन्सिल्स की बीमारी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई (Video).. मीना ! (Video) 

स्लीप डिस्क और बच्चादानी की गाँठ

मेरी स्लीप डिस्क और बच्चादानी की गाँठ बिना आपरेशन के ही ठीक हो गए.. धर्मिष्टा (Video)

थाइरोइड की तकलीफ

मेरी थाइरोइड की तकलीफ ठीक हो गयी और हीमोग्‍लोबिन बढ़ गया.. आशा (मराठी में Video)

पुरानी खांसी

नंदकुमार की 14 वर्षों पुरानी खांसी की बीमारी जड़ से ठीक हो गई (Video) !

हेयर प्रॉब्लम

संजीव का हेयर प्रॉब्लम (3 जगह की टाल) ठीक हो गया (Video) !

पित्त की थैली की सुजन और पथरी

मेरी पित्त की पथरी और सूजन की तकलीफ बिना ऑपरेशन किए ही ठीक हो गई.. सुनील (Video) !

पित्त की थैली की सुजन और पथरी

मेरी पित्त की पथरी और सूजन की तकलीफ बिना ऑपरेशन किए ही ठीक हो गई.. आरती (Video) !

बवासीर

मेरा बवासीर ठीक हो गया.. सुषमा सूर्यवंशी (Video) !

शरीर की सुजन

मेरी शरीर की सुजन और दुसरे अनेक रोग ठीक हो गए.. रुक्मिणी (Video) !

किडनी की पथरी

एक दिन में किडनी की चार पथरी निकल गई

डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार से एक दिन में ही मेरी किडनी की 4 पथरी निकल गई ! 

श्री मनीष पगारे

Rationing Inspector, Mumbai

Mo:7387011346

 श्री मनीष पगारे की सोनोग्राफी रिपोर्ट नीचे दी है >>
 

श्री मनीष पगारे  की सोनोग्राफी रिपोर्ट

⇓ ट्रीटमेंट के पहले ⇓

श्री मनीष पगारे  की सोनोग्राफी रिपोर्ट

⇓ ट्रीटमेंट के बाद ⇓

जयश्री की किडनी की पथरी निकल गई और लीवर की सुजन भी ठीक हो गई

मेरी बेटी जयश्री को कुछ महीने से बार-बार पेट में दर्द होता था। एलॉपथी की दवाई से बस थोड़े समय के लिए दर्द कम होता था। सोनोग्राफी में पता चला कि उसकी किडनी में पथरी है और लीवर में सूजन भी है। लेकिन डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और होम्योपैथीक दवाई से उसकी किडनी की पथरी निकल गई और लीवर की सूजन भी ठीक हो गई।

 लक्ष्मी (जयश्री की मम्मी), कल्याण

जयश्री माने की सोनोग्राफी रिपोर्ट नीचे दी है >>

जयश्री माने की सोनोग्राफी रिपोर्ट

⇓ ट्रीटमेंट के पहले ⇓

जयश्री माने की सोनोग्राफी रिपोर्ट

⇓ ट्रीटमेंट के बाद ⇓

पित्ताशयकी पथरी और सुजन

 पित्ताशय की पथरी और सुजन ठीक होने का अनुभव

पिछले 2 साल से पथरी के दर्द से परेशान था। बहुत इलाज करवाया , मगर बिलकुल फायदा नही हुआ। चार बार सोनोग्राफी निकाली, उसमे पित्त की थैली में 1cm की दो पथरी और सूजन दिखाई दी। दर्द इतना बढ़ गया कि आखिर में ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। मगर ऑपरेशन टेबल पर लेटते ही मुझे बेचैनी होने लगी और डर लगने लगा। डॉक्टरोने और घरवालों ने बहुत समझाने की कोशिश की मगर डर इतना तीव्र था कि बिना ऑपरेशन के ही मैं घर आ गया। फिर मैंने डॉ. ठक्कर से इलाज शुरू किया और धीरे - धीरे मेरा दर्द एकदम बंद हो गया । सोनोग्राफी भी निकाली तो उसमें ना थी पथरी, ना थी सूजन।
सुनील कजानिया
शहाड़, महाराष्ट्र

 

सुनील कजानिया की रिपोर्ट 


 

ट्रीटमेंट से पहले 


 

ट्रीटमेंट के बाद 

 पित्ताशय की पथरी और प्रोस्टेट की सुजन ठीक होने का अनुभव

२०१४ में मरी पित्त की थैली में कुछ पथरी हो गई थी। साथ में मेरी प्रोस्टेट की ग्रंथि में भी सुजन आ गई थी। दर्द से मैं बहुत ही परेशान हो गया था। फिर मैंने डॉ. ठक्कर से इलाज शुरू किया और धीरे - धीरे मेरा दर्द एकदम बंद हो गया । बा में सोनोग्राफी भी निकाली तो उसमें पथरी नहीं थी और प्रोस्टेट की सुजन भी ठीक हो गयी थी।
किशोरभाई रुपारेलिया
वसई, महाराष्ट्र

 

किशोरभाई रूपारेलिया की रिपोर्ट 


 

ट्रीटमेंट से पहले 


 

ट्रीटमेंट के बाद 

पित्ताशय और किडनी की पथरी से मुक्ति पाने का अनुभव

2012 में मेरी पित्त की थैली में 7mm की पथरी हो गई थी। साथ में मेरी किडनी में भी 4.8mm की पथरी थी। बार-बार दर्द होता रहता था। फिर मैंने डॉ. ठक्कर से इलाज शुरू किया और धीरे - धीरे मेरा दर्द एकदम बंद हो गया । बाद में सोनोग्राफी भी निकाली तो उसमें पित्त की पथरी नहीं थी, लेकिन किडनी की पथरी नहीं निकली थी। कुछ महीने बाद फिरसे सोनोग्राफी निकली तो उसमे किडनी की पथरी भी निकल गई थी।
विकास भोईर
कल्याण, महाराष्ट्र

 

विकास भोईर की रिपोर्ट 


 

ट्रीटमेंट से पहले 


 

ट्रीटमेंट के बाद 

 पित्ताशय की पथरी और सुजन ठीक होने का अनुभव

नमस्ते मेरा नाम आरती सिंह है। मुझे पेट में बहुत तेज दर्द होता था फिर मैंने सोनोग्राफी निकाली तो उसमें पता चला की मेरी पित्त की थैली में सूजन और बहुत-सी पथरिया है। मैंने एक से डेढ़ महीने दर्द के इंजेक्शन लिये उससे मुझे कुछ देर के लिये आराम होता था, फिर दर्द शुरू हो जाता था कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही थी। फिर मैंने डॉ. ठक्कर के ट्रीटमेंट शुरू की। इस ट्रीटमेंट से मुझे दो दिन मे ही फायदा हुआ और मुझे भूख भी लगने लगी । इस बात को 6 महीने हो चुके हैऔर मैं बिलकुल ठीक हूँ।
आरती सिंह
शहाड़, महाराष्ट्र

मोटापा

उषा का 22 किलो वज़न कम हो गया

मेरा वज़न 80 किलो हो गया था और मेरी स्किन भी काली हो रही थी। डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार और होमियोपैथिक दवाई से मेरा 22 किलो वज़न कम हो गया और साथ ही मेरी स्किन का कलर भी निखर गया।

उषा  म्हात्रे

अनिल का 1 महीने में 5 किलो वजन कम हो गया

डॉ.ठक्कर की होमियोपैथिक दवाई से सिर्फ 1 अगुत महीने में ही मेरा 5 किलो वज़न कम हो गया है और अब में बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा हु।

अनिल नायर 

बवासीर (Piles)

यश का बवासीर (piles) ठीक हो गया

एक साल पहले बवासीर की तकलीफ हुई थी।

बवासीर की वजह से बहुत ही तेज दर्द हो रहा था। सुजन भी बहुत ही ज्यादा मात्रा में बढ़ गई थी। खून भी जा रहा था। ऑपरेशन करना अनिवार्य लग रहा था।

लेकिन मेरे पिताजी ने कुछ वर्ष पहले बवासीर का ऑपरेशन करवाया था। फिर भी उन्हें यह तकलीफ़ फिर से हो गयी थी। तब उन्होंने डॉ.ठक्कर की होमियोपैथिक दवाई का कोर्स किया। जिससे उनकी यह बीमारी जड़ से ही ठीक हो गई।

इसी लिए मैंने पूर्ण विश्वास से डॉ.ठक्कर की होमियोपैथिक ट्रीटमेंट की। जिससे मेरी इतने अधिक मात्रा में पहोची हुई पाइल्स की तकलीफ भी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।

 यश अल्दार 

महेश का बवासीर (piles) ठीक हो गया

बवासीर की वजह से बहुत परेशान हो गया था। डॉ.ठक्कर की होमियोपैथिक दवाई से बवासीर पूर्णरूप से ठीक हो गया है और कुछ भी परेशानी नहीं होती है। 

 महेश गोंधाले

मधुमेह (Diabetes)

अब तो बिना दवाई के और मिठाई खाकर भी ब्लड सुगर नॉर्मल है !

मुझे 2006 से डायबिटीज था। 40 यूनिट Insulin Injection ले रहा था। लेकिन 2013 में डॉ.ठक्कर की सिर्फ 8 महीनों की होम्योपैथीक ट्रीटमेंट से मेरी डायबिटीज की सभी दवाई बंद हो गई। अब तो बिना दवाई के और मिठाई खाकर भी ब्लड सुगर नॉर्मल आता है! 2004 से मुझे संधिवात भी था। सांधो में इतना दर्द रहता था कि दिन में 3 पैन-किलर की टेबलेट लेनी पड़ती थी। लेकिन डॉ. ठक्कर की ट्रीटमेंट के बाद मेरी यह तकलीफ भी ठीक हो गयी। अब में दर्द की भी कोई टेबलेट नहीं ले रहा हूँ।

जवाहरलाल व्यास

टॉन्सिल की सुजन

वंशिका की चमड़ी और टॉन्सिल्स की तकलीफ हमेशा के लिए ठीक हो गई

मेरी बेटी वंशिका को जन्म से ही बार-बार खांसी और टॉन्सिल्स की सुजन आने की तकलीफ होती थी।

दवाई से बस कुछ दिनों के लिए आराम होता था। और फिर से खांसी और टॉन्सिल्स की समस्या शुरू हो जाती थी।

बहुत से डॉक्टरों से दवाई करवाई, फिर भी उसकी यह तकलीफ़ जड़ से नहीं ठीक हो रही थी।

जब वो 9 महीने की हुई तो उसे दवाई की वजह से (side effects) चमड़ी की बीमारी भी शुरू हो गई।

उसके शरीर पर फोड़े-फुंसी निकलते थे और बहुत खुजली भी आती थी।

बड़े-बड़े डॉक्टरों से इलाज करवाया लेकिन कुछ भी लाभ नहीं हो रहा था। मैं और उसके पापा बहुत परेशान हो गए थे।

जब २ १/२ वर्ष की हुई तब हम उसे डॉ.ठक्कर के पास लेकर आए थे। डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और दवाई का कोर्स करने से उसकी चमड़ी और टॉन्सिल्स की तकलीफ हमेशा के लिए ठीक हो गई।

आज उस बात को 10 वर्ष हो गए है। तब से मेरी वंशिका बिलकुल स्वस्थ है।

प्रिया खाती (वंशिका की मम्मी), कल्याण

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जय की टॉन्सिल्स की बीमारी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई

मेरा बेटा जय बार-बार बुखार और टॉन्सिल्स की सुजन आने की वजह से काफी परेशान रहता था।

कुछ भी ठंडा खाने पर दूसरे दिन गला पकड़ लेता था और बुखार भी बहुत बढ़ जाता था।

बाद में टॉन्सिल्स भी पीले हो जाते थे। यह बार-बार होने की वजह से एलॉपथी के डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा था। ऑपरेशन का नाम सुनते ही जय रोने लगा।

फिर हमने उसे डॉ.ठक्कर को दिखाया। उन्होंने जय को चेक करके कहा 9 महीने का होम्योपैथीक दवाई का कोर्स करना पड़ेगा।

उनकी ट्रीटमेंट का रिजल्ट पहले महीने में ही पता चलने लगा। क्योंकि उसी महीने में उसने जब आइस-क्रीम खाई, तो उसे कुछ भी तकलीफ नहीं हुई।

डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और दवाई से उसकी यह बीमारी बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।

अच्छे परिणामों को देखकर डॉक्टर साहब ने 9 महीने का कोर्स 6 महीने में ही रोक दिया और कहा अब इसे और दवाई की जरूरत नहीं है।

उन्होंने हमें समझाया कि मेरी दवाई पर भी ज्यादा डिपेंड होने की जरूरत नहीं है। मेरी दवाई से भी अधिक महत्वपूर्ण है हेल्दी किड्स प्रोग्राम का ज्ञान। इसे हमेशा इस्तेमाल करते रहना।

मीना कानिटकर (जय की मम्मी), अंबरनाथ

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अपेंडिक्स की सुजन

अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही रीना ठीक हो गई

6 वर्ष पहले बुखार और उलटी के साथ मेरे पेट में तेज दर्द हो रहा था। वह दवाई-इंजेक्शन से ठीक नहीं हो रहा था। डॉक्टरों ने अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने की सलाह दी थी। लेकिन डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार से मेरी पेट की तकलीफ बिना-ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।

रीना रावल, उल्हासनगर

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अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही श्रीमती शारदा नागुरे ठीक हो गये

3 मई 2008 के दिन मेरे पेट निचले दाहिने हिस्से में बुखार और उलटी के साथ तेज दर्द शुरू हो गया था। चलने या थोडा हिलने से भी दर्द बढ़ जाता था। मुझे 7 दिन उल्हासनगर के सेंचुरी हॉस्पिटल में  भर्ती रखा गया था।  लेकिन मेरा दर्द दवाई-इंजेक्शन से ठीक नहीं हो रहा था। डॉक्टरों ने अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने की सलाह दी थी।

लेकिन मेरे पति मुझे डॉ.ठक्कर के पास लेकर आए। डॉ.ठक्कर की ट्रीटमेंट से मेरा दर्द एक दिन में ही ठीक हो गया। और मेरी अपेंडिक्स की सुजन बिना-ऑपरेशन के ही ठीक हो गई।

शारदा नागुरे , उल्हासनगर

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अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही प्रशांत ठीक हो गया 

दो साल से पेट में दर्द था। अनेको डॉक्टरों से उपचार किया मगर कुछ फर्क नही पड़ा।सोनोग्राफी और इंडोस्कोपी भी करवाई । डॉक्टरों ने कहा कि अपेंडिक्स की सूजन है और ऑपरेशन करना पड़ेगा। मगर डॉ. ठक्कर की ट्रीटमेंट से धीरे धीरे पेट का दर्द बिना ऑपरेशन के पूर्ण रूप से ठीक हो गया। आज 10 साल से उपचार बंद है । मगर कुछ भी तकलीफ नही है।

प्रशांत भोईर (MBA)

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अपेंडिक्स का ऑपरेशन किए बिना ही विलास ठीक हो गया 

मुझे पेट के निचले दाहिने हिस्से में बार-बार दर्द होता था। एलॉपथी की दवाई से यह दर्द सिर्फ कुछ समय के लिए ही कम होता था।   सोनोग्राफी में पता चला की अपेंडिक्स की सुजन है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के लिए कहाँ। मगर डॉ. ठक्कर की ट्रीटमेंट से बिना ऑपरेशन के ही मेरी आपेंदिक्स की सुजन ठीक हो गयी। आज 4 साल से उपचार बंद है और मैं स्वस्थ हूँ।

विलास दोहले 

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आँखों की समस्या 

खुसी की पुरानी बीमारी ठीक हो गई और आँखों का नंबर भी उतर गया

मेरी बेटी खुशी को कुछ वर्षों से बार-बार पेट में दर्द होता था। दवाई से बस थोड़े समय के लिए दर्द कम होता था। लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से दर्द होने लगता था। तब डॉक्टरों ने अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने को कहा। और हमने ऑपरेशन भी करवाया। ऑपरेशन करवाकर भी दो वर्ष हो गए थे, फिर भी पेट में दर्द तो होता ही था। साथ में उसे सिरदर्द भी शुरू हो गया था। आँखों के डॉक्टर ने कहा कि इसे नंबर का चश्मा लगाना पड़ेगा। लेकिन डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से मेरी बेटी खुशी की पेट दर्द और सिरदर्द की पुरानी बीमारी ठीक हो गई और आँखों का नंबर भी उतर गया। आज इस बात को तीन वर्ष से भी अधिक समय हो गया है, मेरी बेटी ख़ुशी एकदम स्वस्थ है।

वंदना भोईर (ख़ुशी की मम्मी), कल्याण

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पुरानी सर्दी, खाँसी और दमा 

नंदकुमार की 14 वर्षों पुरानी खांसी की बीमारी जड़ से ठीक हो गई

मुझे जन्म से ही खांसी की तकलीफ थी। मौसम में बदलाव आने से तुरंत सुखी खांसी हो जाती थी, जो जल्दी ठीक भी नहीं होती थी।

अनेक स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से इलाज करवाया और टीबी की दवाई का कोर्स भी किया, लेकिन मेरी बीमारी जड़ से ठीक नहीं हो रही थी।

लेकिन डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और 6 महीने की होम्योपैथीक ट्रीटमेंट से मेरी 14 वर्षों पुरानी खांसी की बीमारी जड़ से ठीक हो गई।

पिछले 3 वर्ष से मैं बिना किसी दवाई के स्वस्थ हूँ।

नंदकुमार गावडा, उल्हासनगर

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हेतवी की दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई

डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से मेरी बेटी हेतवी की दमे की बीमारी बहुत ही कम समय में ठीक हो गई, वह भी होमियोपैथी की सुरक्षित और मीठी गोलियों से।

दीपा चावड़ा (हेतवी की मम्मी), विक्रोली

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सोनाली की मासिक धर्म और सर्दी-खांसी की पुरानी तकलीफ ठीक हो गई

मैं अनेक वर्षों से, बार-बार होने वाली सर्दी-खांसी और बुखार से परेशान थी। और मेरा मासिक धर्म भी बहुत लेट आता था।

लेकिन डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम की वजह से मेरी यह सभी समस्याएं एकदम ठीक हो गई।

तीन सालो से मैंने कुछ भी दवाई नहीं खाई है।

अब मुझे ज्यादा करके कोई भी बीमारी नहीं होती।

और अगर कभी कोई छोटी-मोटी तकलीफ हो भी गई तो डॉ.ठक्कर ने सिखाए हुए आंतरिक उपचार से मैं खुद ही उसे बिना दवाई के ठीक कर देती हूँ।

इस के साथ मुझे स्मरणशक्ति की भी समस्या थी। एग्जाम के समय मैं सब भूल जाती थी। 10th में मुझे 67 % मिले थे (क्लास लगाकर भी)।

लेकिन डॉ. ठक्कर के “माइंड एण्ड मेमरी प्रोग्राम” की वजह से मेरी स्मरणशक्ति भी अच्छी हो गई है और आत्मविश्वास भी बढ़ गया है। और 12th में मुझे 77 % मिले, वह भी बिना किसी क्लास के।

मेरी मम्मी की किडनी की पथरी भी डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार से गिर गई है।

सोनाली भोईर, कल्याण

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चमड़ी की समस्या

मानिया की चमड़ी की एलर्जी जड़ से ठीक हो गई

स्किन की एलर्जी और खुजली की वजह से, मेरी बेटी मानिया, काफ़ी परेशान हो गई थी। एलॉपथी की दवाई से सिर्फ कुछ समय के लिए ही उसे अच्छा लगता था।  जैसे ही दवाई का असर निकल जाता था तो फिर से खुजली शुरू हो जाती थी।

एक साल तक हमने अनेक डॉक्टरों से इलाज करवाया। बच्चों के और चमड़ी के डॉक्टरों की दवाई देकर भी देखा। लेकिन उसकी यह तकलीफ़ जड़ से ठीक नहीं हो रही थी।

फिर हमने उसे डॉ.ठक्कर को दिखाया। उनकी ट्रीटमेंट से उसकी एक साल की खुजली की तकलीफ़ 1 सप्ताह में ही ठीक हो गई। फिर उसे एक-दो खुजली शुरू हुई थी, जो डॉ.ठक्कर की दवाई से तुरंत ठीक हो गई। पिछले 7 साल से उसे यह तकलीफ़ बिलकुल नहीं हुई है।

डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ गई है और जिस से वह जल्दी बीमार भी नहीं पड़ती।

नंदिनी कुकरेजा (मानिया की मम्मी), कल्याण

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प्रथम की 2 साल पुरानी चमड़ी की बीमारी 1 महीने में ठीक हो गई

मेरा बेटा प्रथम पिछले 2 वर्षों से चमड़ी के रोग से काफी परेशान रहता था। अनेक प्रसिद्ध डॉक्टरों की दवाई से भी उसकी बीमारी ठीक नहीं हो रही थी। लेकिन डॉ.ठक्कर हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से उसकी चमड़ी की समस्या, सिर्फ एक महीने में ही, पूर्ण रूप से ठीक हो गई।

आशा (प्रथम की मम्मी), अंबरनाथ

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ऊँचाई की समस्या

निकिता की 8 cm ऊंचाई बढ़ गई

डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम और होम्योपैथीक दवाई से मेरी ऊंचाई (height) 8 cm  तक बढ़ गई है।

उपचार से पहले उंचाई >>

147 cm (4 फूट 10 इंच)

⇓ ⇓ ⇓ 

उपचार के बाद उंचाई >>

155 cm (5 फूट 1 इंच)

निकिता चौहान, उल्हासनगर

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अन्य सफल अनुभव

आदर्श के बुखार और उल्टी बिना दवाई के ही 1 दिन में ठीक हो गए

एक दिन मेरे बेटे आदर्श को बुखार आया था और साथ में उल्टी भी हो रही थी। मुझे अगले दिन कुछ जरूरी काम से गाव भी जाना था।

बेटे को इस तरह छोड़कर जाना मेरे लिए संभव नहीं था।

तब डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम की कुछ बाते मुझे याद आई और आदर्श के लिए मैंने पूर्ण श्रद्धा से उनका इस्तेमाल किया।

इससे आदर्श का बुखार और उल्टी बिना दवाई के ही एक दिन में ठीक हो गए।

डॉ.ठक्कर के हेल्दी किड्स प्रोग्राम के इस्तेमाल से मेरे दोनों बच्चों की प्रतिकार शक्ति और स्मरणशक्ति बहुत ही अच्छी हो गई है।

इस वजह से वे जल्दी बीमार नहीं पड़ते और कभी कुछ तकलीफ हुई तो भी बिना दवाई के या बहुत ही कम दवाई से ही ठीक हो जाते है।

उनकी स्मरणशक्ति बढ़ने की वजह से उन दोनों के मार्क्स भी बहुत ही अच्छे आने लगे है।

वनिता शिवशरण (आदर्श और प्राजक्ता की मम्मी), कल्याण

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गंभीर नवजात शिशु एक दिन में ही ठीक हो गया

मेरी पत्नी ने 01.11.2007 को सुबह 8.45 बजे एक लड़के को जन्म दिया। मगर जन्म के बाद वह बहुत ही देरी से और धीरे-धीरे रोया। हम उसे बच्चों की एक बड़ी अस्पताल में दिखाने के लिए लेकर गये। उन्होंने बच्चे को देखकर कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है।

उसकी साँसें ठीक से नहीं चल रही है। और धड़कने भी तेज है। बच्चे को विशेष सुविधायुक्त पेटी में रखना होगा। जिसका खर्चा तीन से पाँच हजार तक जायेगा। दस दिनों से ज्यादा रखना पड़ेगा। और इतना करने के बाद भी बच्चे के बचने की बिलकुल गेरेंटी नहीं है। मैंने भगवान भरोसे बच्चे को वहाँ से निकाला और फिर हम डॉ. ठक्कर के पास उसे लेकर गये। उन्होंने अपने यहाँ से होम्योपैथीक दवाई की एक बॉटल दी और 4-4 बुंदे 30 मिनट के अंतर से पिलाने को कहा। धीरे-धीरे बच्चे की परिस्थिति में सुधार आने लगा और आज भी वह बच्चा स्वस्थ है।

आनंद भेनवाल, कल्याण

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हमारे बच्चों के अनुभव

दिपेश ने 17 सालों से कुछ भी दवाई नहीं ली है

यह एक असरकारक प्रोग्राम है। इस के इस्तेमाल से मैं अपने बेटे दिपेश को, पिछले 17 सालों से, बिना-दवाई के स्वस्थ रखने में सफल रही हूँ!

उसकी प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता।

और कभी कुछ तकलीफ हुई तो भी बिना दवाई के ही बहुत ही कम समय में ठीक हो जाता है।

बच्चों को रोग और इलाज की दर्दनाक यातनाओं से बचाना है, तो उसकी प्रतिकार शक्ति को बढ़ाना आवश्यक है।

मेरी जानकारी में बच्चों की प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए इस प्रोग्राम से बेहतर विकल्प और कोई नहीं है।

राखी (डॉ.ठक्कर की बहन)

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निसर्ग ने माँ के गर्भ में और जन्म से आज तक कुछ भी दवाई नहीं ली

मेरे मन में बार-बार एक विचार आता था कि “इस पृथ्वी के हर मादा-प्राणी (मनुष्य छोड़कर) की प्रसूति (childbirth) बिना किसी दवाई के ही सहज, प्राकृतिक और अती वेदनारहीत होती है !

और कुछ वर्षों पहले महिलाओं की प्रसूति भी ऐसे ही होती थी। तो क्या हम आधुनिक महिलाओं की प्रसूति भी बिना किसी दवाई के ही सहज, प्राकृतिक और अती वेदनारहीत हो सकती है ?”

और फिर इस प्रश्न का अनुभव आधारित उत्तर जानने का समय आ गया, जब मैंने गर्भधारण किया।

इस प्रयोग में मेरे पति (डॉ.आशिष ठक्कर) का मुझे पूर्ण सहयोग मिला।

हम दोनों ने इस विषय में गहरा अध्ययन करना शुरू किया।

इससे मुझे अपने माइंड को “सहज प्रसूति” के लिए रीसेट करने के अनेक वैज्ञानिक तरीकों के बारे में पता चला।

और फिर वह दिन आ गया, जिसका मुझे और मेरे पति को इंतजार था। मुझे प्रसूति का दर्द शुरू हो गया।

मैंने बिना किसी दवाई के ही कुदरती और अती वेदनारहीत प्रसूति द्वारा अपने बेटे को जन्म दिया। यह प्रसूति हमारे घर पर ही हुई है। उस समय मेरे साथ सिर्फ मेरे पति थे। और मेरी माँ बहार रूम में थी।

हमारे बेटे का जन्म नैसर्गिक तरीके से हुआ है, इसलिए हमने उसका नाम भी निसर्ग रखा है (निसर्ग का मतलब है कुदरत)।

मेरे गर्भ में और जन्म से लेकर आज तक उसे हमने कुछ भी दवाई या वैक्सीन नहीं दी है।

उसकी प्रतिकार शक्ति इतनी अच्छी है कि वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता।

और कभी कुछ तकलीफ हुई तो भी बिना दवाई के ही बहुत ही कम समय में ठीक हो जाता है।

सरस्वती आशिष ठक्कर (डॉ.ठक्कर की पत्नी)

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* अस्वीकरण (Disclaimer)

डॉ.ठक्कर के आंतरिक उपचार के, यहाँ दिए हुए अनुभव 100 % सत्य है। लेकिन सभी व्यक्ति भिन्न है, सभी रोग अपने आप में भिन्न है, इसलिए सभी के लिए उपचार से प्राप्त होने वाले परिणाम भी भिन्न-भिन्न होते हैं। डॉ.आशिष एल. ठक्कर या उनका उपचार किसी भी रोग को ठीक नहीं करते है और ना ही ऐसा कोई दावा करते है। डॉ.ठक्कर और उनका उपचार मात्र रोगों के आंतरिक कारणों को दूर करने में सहायता करते है। रोग ठीक तो केवल रोगी की आंतरिक उपचारक शक्ति ही कर सकती है। इस वेबसाइट का उद्देश्य केवल जानकारी देना है। इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी किसी भी रोग की चिकित्सा, रोग के निदान और चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है।

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    बिना दवाई के ‘उपचारक आहार’ द्वारा रोग जड़ से ठीक हो सकते है, लेकिन ‘बिना उपचारक (HP) आहार’ के कोई भी रोग जड़ से ठीक नहीं हो सकता! अगर आप इस किताब में बताए हुए ‘उपचारक और रक्षक आहार’ को इस्तेमाल करते हो तो आपका और आपके बच्चे का आरोग्य का स्तर अवश्य बेहतर होगा।

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11 गलतियां जो बच्चों के रोगों को जड़ से ठीक नहीं होने देती (75% off)

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    इस इबुक में ऐसी 11 गलतियों के बारे में जानकारी दी है जो अच्छे से अच्छी ट्रीटमेंट को भी असफल बना सकती है।


    क्या आपके बच्चे की बीमारी अनेक उपचार के बावजूत ठीक नहीं हो रही है? तो इस इस उदहारण को पूर्ण और ध्यान से पढ़े:

    एक गाव में राम और श्याम के दो चचेरे भाई रहते थे। दोनों लगभग समान आयु के थे।

    दोनों को बार-बार टोन्सिल में सुजन आने लगी।

    तीन बार गाव के डॉक्टर से इलाज करवाने पर भी राम की टोन्सिल में सुजन आने की तकलीफ जड़ से ठीक नहीं हुई तब उसके पिताजी ने शहर जाकर बड़े अस्पताल में उसका इलाज शुरू किया। वहा पर रोग निदान के लिए अनेक तरह के टेस्ट किए गए जैसे – ब्लड टेस्ट, एक्स रे, CT scan, MRI आदि। महगी और पावरफुल अनेक तरह दवाई गोली 6 महीनो तक खिलाए गए। लेकिन उसकी तकलीफ कम होने बजाय बढ़ती गयी। और फिर ऑपरेशन कर दिया गया।

    लेकिन समस्या यहाँ पर भी ख़त्म नहीं हुई।

    अब उसे बार-बार निमोनिया होने लगा और दमारोग रोग भी शुरू हो गया।

    डॉक्टरोंने कहा अब इसे जीवन भर दवाई खानी पड़ेगी।



    क्या यह सब टल सकता था?


    जी हाँ! श्याम के किस्से द्वारा इसे समझने की कोशिश करते है!

    यहाँ पर श्याम की भी टोन्सिल में सुजन आने की तकलीफ तीन-चार  बार गाव के डॉक्टर से इलाज करवाने पर जड़ से ठीक नहीं हुई तब उसके पिताजी ने उसकी मम्मी को बुलाया। उन्होंने DLM निदान प्रक्रिया करने का सोचा। DLM निदान प्रक्रिया से उन्हें श्याम के रोग के लिए तीन बीज कारण सामने आये जैसे –

    1. चॉकलेट और नूडल्स का को अधिक खाना।
    2. फलो को कम मात्रा में खाना और वह भी आहार के साथ खाना।
    3. सूर्य प्रकाश बिलकुल न मिलना।

    फिर उन्होंने रोग इन बीज कारणों को दूर करने का निर्णय लिया।

    उन्होंने श्याम की सभी दवाई बंद कर दी। चोकलेट और नूडल्स सिर्फ महीने में एक से दो बार दिए। दोपहर को 12 बजे तक भरपूर मात्रा में सिर्फ फल खिलाए और सुबह को 45 मिनट के लिए सूर्य प्रकाश में खेलने को भेजने लगे।

    उसके बाद श्याम को टोन्सिल की सुजन की तकलीफ कभी भी नहीं हुई। प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से उसे भविष्य अन्य भी कोई बड़ा रोग नहीं हुआ।

    ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है।

    जब भी हमारे बच्चे बीमार होते है तो हम दवाई देकर उसे ठीक करते है।

    जब हमें समझमें आता है की इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है।

    लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।

    अगर श्याम के मातापिता की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हमारा बच्चा रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकता है।

    यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।

    ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है। जब भी हम बीमार होते है तो दवाई लेकर उसे ठीक करते है। जब हमें समझमें आता है कि इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है। लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।

    अगर मोहन भाई की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हम भी रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकते है। यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।

    “11 गलतियां जो आपके बच्चे की बीमारी को जड़ से ठीक होने से रोक सकती है” के बारे में जानने के लिए यह इबुक जरुर पढ़े।



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    अगर बच्चों के शरीर की कोशिकाओं में कचरा भरा है तो अच्छे से अच्छी ट्रीटमेंट भी रोग ठीक करने में असफल हो जाती है। यह कचरा हीलिंग ब्लॉक बनकर बीमारी को ठीक नहीं होने देता।
    इस किताब में बताए डिटोक्स प्रोग्राम के बाद कोशिकाओं की औषधिय तत्वों और पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे अनेक वर्ष पुराने और जिद्दी रोग भी ठीक होने लगते है।

    यह प्रोग्राम  18 वर्षो से बिना दवाई के खुदको और अपने बच्चों को स्वस्थ रखने के अनुभव  पर आधारित है और  अनेक रोगों के लिए लाभकारक है जैसे-

    • टॉन्सिल्स की सुजन
    • साइनस की समस्या
    • एलर्जी और पुरानी सर्दी
    • पुरानी खांसी और दमा
    • प्रतिकार शक्ति की समस्या
    • बच्चों की बीमारियाँ
    • मेमरी और पढ़ाई की समस्या
    • पेट में दर्द और पाचन की समस्या
    • अपेंडिक्स की सुजन
    • मोटापा
    • वज़न न बढ़ना
    • ऊंचाई की समस्या
    • बालों की समस्या
    • चमड़ी की समस्या
    • आँखों की समस्या
    • ……और अन्य अनेक रोग।


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    एक गाव में राम और श्याम के दो चचेरे भाई रहते थे। दोनों लगभग समान आयु के थे।

    दोनों को बार-बार टोन्सिल में सुजन आने लगी।

    तीन बार गाव के डॉक्टर से इलाज करवाने पर भी राम की टोन्सिल में सुजन आने की तकलीफ जड़ से ठीक नहीं हुई तब उसके पिताजी ने शहर जाकर बड़े अस्पताल में उसका इलाज शुरू किया। वहा पर रोग निदान के लिए अनेक तरह के टेस्ट किए गए जैसे – ब्लड टेस्ट, एक्स रे, CT scan, MRI आदि। महगी और पावरफुल अनेक तरह दवाई गोली 6 महीनो तक खिलाए गए। लेकिन उसकी तकलीफ कम होने बजाय बढ़ती गयी। और फिर ऑपरेशन कर दिया गया।

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    1. चॉकलेट और नूडल्स का को अधिक खाना।
    2. फलो को कम मात्रा में खाना और वह भी आहार के साथ खाना।
    3. सूर्य प्रकाश बिलकुल न मिलना।

    फिर उन्होंने रोग इन बीज कारणों को दूर करने का निर्णय लिया।

    उन्होंने श्याम की सभी दवाई बंद कर दी। चोकलेट और नूडल्स सिर्फ महीने में एक से दो बार दिए। दोपहर को 12 बजे तक भरपूर मात्रा में सिर्फ फल खिलाए और सुबह को 45 मिनट के लिए सूर्य प्रकाश में खेलने को भेजने लगे।

    उसके बाद श्याम को टोन्सिल की सुजन की तकलीफ कभी भी नहीं हुई। प्रतिकार शक्ति बढ़ने की वजह से उसे भविष्य अन्य भी कोई बड़ा रोग नहीं हुआ।

    ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है।

    जब भी हमारे बच्चे बीमार होते है तो हम दवाई देकर उसे ठीक करते है।

    जब हमें समझमें आता है की इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है।

    लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।

    अगर श्याम के मातापिता की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हमारा बच्चा रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकता है।

    यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।

    ठीक वैसा ही हमारे रोगों के विषय में भी है। जब भी हम बीमार होते है तो दवाई लेकर उसे ठीक करते है। जब हमें समझमें आता है कि इस दवाई से रोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही ठीक होते है तो हम डॉक्टर और दवाई बदलते रहते है। लेकिन समस्या जड़ से ठीक होने के बजाय बढती ही जाती है।

    अगर मोहन भाई की तरह हम भी रोगों के बीज कारणों को खोजकर उन्हें दूर करें तो हम भी रोग मुक्त और दवाई मुक्त हो सकते है। यह वही तरीका है जिसकी सहायता से हम पिछले 18 वर्षों से खुदको और हमारे बच्चों को बिना किसी दवाई के स्वस्थ रख पायें है।

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    सभी रोगों के लिए 21 दिन का डिटोक्स प्रोग्राम


    अगर हमारे शरीर की कोशिकाओं में कचरा भरा है तो अच्छे से अच्छी ट्रीटमेंट भी रोग ठीक करने में असफल हो जाती है। यह कचरा हीलिंग ब्लॉक बनकर बीमारी को ठीक नहीं होने देता।
    इस किताब में बताए डिटोक्स प्रोग्राम के बाद कोशिकाओं की औषधिय तत्वों और पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे अनेक वर्ष पुराने और जिद्दी रोग भी ठीक होने लगते है।

    यह प्रोग्राम  18 वर्षो से बिना दवाई के खुदको स्वस्थ रखने के अनुभव  पर आधारित है और  अनेक रोगों के लिए लाभकारक है जैसे-

    • टॉन्सिल्स की सुजन
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    • एलर्जी और पुरानी सर्दी
    • पुरानी खांसी और दमा
    • प्रतिकार शक्ति की समस्या
    • बच्चों की बीमारियाँ
    • मेमरी और पढ़ाई की समस्या
    • बवासीर, कब्ज और पेट में दर्द
    • एसिडिटी, गैस और पाचन की समस्या
    • अपेंडिक्स की सुजन
    • मोटापा
    • वज़न न बढ़ना
    • ऊंचाई की समस्या
    • बालों की समस्या
    • चमड़ी की समस्या
    • आँखों की समस्या
    • किडनी और पित्त की पथरी
    • थाइरोइड की समस्या
    • स्त्री रोग, बच्चादानी में गांठ
    • बच्चे न होना
    • डायबिटीज
    • हाई कोलेस्ट्रॉल और हार्ट की बीमारी
    • ब्लड प्रेशर की समस्या
    • कैंसर
    • एड्स
    • लैंगिक समस्या
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    • पैरालिसिस
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Dr. Ashish L. Thakkar

Health Educator and Researcher
Homoeopath | Speaker | Author

पिछले 18 सालों में, होमियोपैथ की भूमिका में, आपने अपने हजारों मरीजों को पुराने और पीड़ादायक रोगों से मुक्त किया है और अनेको को ऑपरेशन से भी बचाया है।

आप खुद को और अपने बच्चों को 17 सालों से बिना किसी दवाई के स्वस्थ रखने में सफल रहे हैं।